Shaurya News India
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वाराणसी में नई यातायात प्रणाली और QR कोड के विरोध में ई-रिक्शा चालक आज यानी बुधवार को सड़क पर हाथों में तिरंगा झंडा लेकर उतर गए। रूटवार व्यवस्था से नाराज ई-रिक्शा चालकों ने पीएम संसदीय कार्यालय का घेराव करते हुए नारेबाजी की।


जिला प्रशासन से बातचीत विफल होने के बाद अनशनरत ई-रिक्शा चालकों ने ऐलान किया कि बुधवार को 5 हजार ई-रिक्शा चालक अपने वाहनों की चाबी प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय में सौंपने पहुंच गए। इसके बाद प्रशासन और पुलिस की तैनाती कार्यालय पर की गई है।


अखिल भारतीय ई-रिक्शा चालक यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण काशी ने बताया कि चालकों के मना करने पर भी यातायात पुलिस जबरन ई-रिक्शा को होमगार्ड और टीआई के जरिए ट्रैफिक कार्यालय ले जाकर बार कोड लगवाया जा रहा है।


बिना सहमति के बार कोड लगवाया जा रहा है। बहुत से चालक अज्ञानतावश अपनी गाड़ी में स्टीकर लगवा रहे हैं। क्योंकि 2 किलोमीटर की रेंज में चालक क्या कमाएंगे। बैंक की किश्त भी नहीं भर पाएंगे।

 

ई-रिक्शा चालकों का विरोध जारी

 

बनारस यातायात प्रशासन की ओर से ई-रिक्शा संचालन को लेकर बनाई गई नई व्यवस्था को लेकर शहर में ई-रिक्शा चालक हड़ताल पर हैं। हड़ताल के नाम पर चालकों ने दबंगई भी नजर आई। शहर में चल रहे ऑटो व ई-रिक्शा को रोककर उनसे विवाद करते दिखे। ई-रिक्शा चालक नई यातायात प्रणाली के विरोध में हैं और एरिया बंटवारे को लेकर ई-रिक्शा चालक यूनियन ने आज पीएम संसदीय कार्यालय पर आह्वान किया है।


उधर, सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा और पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने सपा के समर्थन की बात कहते हुए शास्त्री घाट पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का समर्थन पत्र सौंपा। आश्वस्त किया कि यदि प्रशासन ने मांग नहीं मानी तो अखिलेश यादव वाराणसी आकर आंदोलन में शामिल होंगे।

 

 

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