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चन्दौलीः धानापुर स्थित शहीद हीरा सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अर्थ शास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रदीप वर्मा के निर्देशन में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा महिला शिक्षा का जनसंख्या नियत्रंण पर प्रभाव को लेकर एक सर्वे कि या गया । इसमें कस्बा धानापुर तथा आस पास के गावों में 35 से 45 वर्ष के बीच की 200 महिलाओं के ऊपर सर्वे किया गया जिसमें ये पाया गया कि जो महिलाएं निरक्षर हैं या कक्षा 5 तक पढ़ी हैं उनके औसत बच्चों की संख्या 4.52 है।

इसके बाद जिन महिलाओं की शिक्षा स्तर ऊंचा है उनके द्वारा जन्म दिए गए औसत बच्चों की संख्या जिसे प्रजनन दर भी कहते हैं, में कमी देखी गई। जैसे कि जो महिलाएं कक्षा 6 से 8 तक पढ़ी थी उनकी प्रजनन दर 3.94, मैट्रिक और इंटरमीडिएट की हुई महिलाओं की प्रजनन दर 2.85, ग्रेजुएट महिलाओं की 2.31 तथा पोस्ट ग्रेजुएट या अन्य वोकेशनल कोर्स करने वाली महिलाओं की प्रजनन दर 1.86 है। इससे पता चलता है कि महिला साक्षरत का जनसंख्या नियंत्रण पर प्रभावशाली सकारात्मक प्रभाव पड़ता है | धानापुर क़स्बा तथा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के प्रजनन दर का तुलनात्मक विश्लेषण करने पर निष्कर्ष के रूप में पाया गया कि धानापुर क़स्बा क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं की प्रजनन की दर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के प्रजनन दर से काफी कम है। क़स्बा क्षेत्र की महिलाओं की प्रजनन दर 2.82 है जबकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं कि प्रजनन दर 3.56 है | इसके अलावा जिन महिलाओं के पति सरकारी और निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं या कोई व्यवसाय कर रहे हैं उनकी प्रजनन की दर उन महिलाओं की अपेक्षा कम है जिनके पति कम पढ़े लिखे या निरक्षर होने के साथ कृषि कार्य या मजदूरी करते हैं । सर्वे के नतीजे के आधार पर प्रोफेसर प्रदीप वर्मा कहते हैं कि महिला शिक्षा को बढ़ावा देने पर जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में बहुआयामी प्रभाव पड़ता है। एक शिक्षित महिला अपने आने वालीं पीढ़ी को भी शिक्षित बनाती है। महिला के शिक्षित होने से उसकी रोजगार क्षमता बढ़ती है और इसमें महिलाएं अपने पति के साथ-साथ खुद भी आय अर्जन करके परिवार की आय बढ़ाती है तथा फलस्वरूप उनका जीवन स्तर तो बढ़ता ही है और साथ में परिवार में महिला के निर्णय लेने की क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता  है। इससे परिवार में कम बच्चें और बेहतर भविष्य पर जोर दिया जाता है। प्रो. प्रदीप वर्मा के निर्देशन में सर्वे करने वालों में महाविद्यालय के बी ए पचंम सेमेस्टर के अर्जुन र्मौर्य, सजंना यादव, दीपक मौर्य तथा अन्य छात्र-छात्राएं मुख्य रूप से शामिल रहें। प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि भविष्य में भी क्षेत्रीय लोगों के आर्थिक तथा सामाजिक मुद्दे पर अनेक सर्वे और शोध किये जायेंगे।

रिपोर्ट- अलीम हाशमी

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