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चंदौली। एक तरफ जहां योगी सरकार भूमि के जल स्तर बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाकर प्रत्येक ग्राम सभा में तालाब की सुंदरीकरण के साथ नए तालाबों के सृजन की व्यवस्था में लगी हुई है।

 

वहीं कुछ ग्राम सभा में अधिकारी और कर्मचारियों के लापारवाही के कारण यह तालाब पटने के कगार पर नजर आ रहे हैं। वही इस संबंध में ग्राम प्रधानों को सूचना देने पर कचरा निस्तारण के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होने का रोना रोया जा रहा है।

 

जबकि देखा जाए तो सकलडीहा कस्बे के आसपास कई तालाब ऐसे थे जिनमे भारी मात्रा में जल का स्रोत हुआ करता था। परंतु इन्हीं अधिकारी और कर्मचारी की लापरवाही के कारण आज वह तालाब भूमिगत नजर आ रहे हैं।

 

 

जहां दूर-दूर तक इन तालाबों का कोई नामोनिशान भी नहीं देखने को प्राप्त हो रहा है। जबकि इन तालाबों को होते हुए भी हल्की सी बारिश होने के कारण को कार्यालय से लेकर समय माता मंदिर तक कई दिनों तक पानी में डूबा रहा जिसकी जल निकासी की व्यवस्था करने में अधिकारियों के हाथ पाव भी फूल रहे थे।

 

 

क्योंकि लगातार ग्रामीणों की मांग और अधिकारियों के दबाव के कारण इन कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी, जिससे जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।

 

 

वही आप तो कई ऐसे तालाब है जिन्हें मिट्टी और कचरो से पाट कर उनके नाम और निदान को मिटा दिया गया है। आज अगर हल्की सी बारिश हो जाए तो सकलडीहा कस्बा के साथ कई ग्राम सभा पानी में डूबते हुए नजर आएंगे।

 

 

इन्हीं सभी बातों को लेकर ग्रामीणों का जिला प्रशासन से मांग है कि उक्त बातों का संज्ञान लेकर सकलडीहा कस्बे के साथ ग्राम सभाओं के आसपास जितने भी तालाब अभी बचे पड़े हैं उन्हें बारिश से पहले ही खुदवा कर जल स्रोत की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए, जिससे ग्राम सभा को बाढ़ की स्थिती से बचाया जा सके।

 

रिपोर्ट अलीम हाशमी

 

 

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