
वाराणसीः हिन्दुस्तान में रहने वाला हर नागरिक हिन्दुस्तानी है। जिस-जिसने अपनी भारतीय पहचान,अपनी विशिष्टता को ताक पर रखकर, विदेशी भाषा,भोजन,वेशभूषा अपना लिया है, उन्हे ही डर सता रहा है कि अब उनका क्या होगा? उन्हे ये समझना होगा, जो जड़ से कट गया,वह दुनिया से ही मिट गया। इसीलिए आज हम सभी को मिलकर चहुंओर अलख जगाना है, अपनी चिरनवीन संस्कृति ,सभ्यता से जुड़कर ही हम सबको आगे बढ़ते जाना है।