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बांदा: जनपद के कमासिन ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत सिकरी लखनपुर में सरकारी धन के बंदरबांट का एक मामला सामने आया है. जिसमें जिम्मेदारों ने लाखों रुपए का फर्जी भुगतान कर सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया. वहीं किये गये सरकारी धन के दुरुपयोग पर प्रधान प्रतिनिधि ने सफाई देते हुए सचिव पर धोखे से फर्जी भुगतान करने का आरोप लगाया है और खुद प्रधान प्रतिनिधि ने जांच कर कार्यवाही की मांग की है. जिसको लेकर प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि मैने जिलाधिकारी बांदा व सीडीओ बांदा को दिए शिकायती पत्र में ग्राम पंचायत में हुए फर्जी भुगतानों की जांच की मांग व सचिव के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की मांग की है.

 प्रधान का कहना है कि सचिव ने बिना मेरी जानकारी के फर्जी भुगतान किया है. जिसमें 17 नवंबर 2022 को गौशाला में लगे मजदूरों की मजदूरी के नाम पर 30 हजार जितेन्द्र कुमार को भुगतान करा लिया तथा 22 अक्टूबर 2022 को गौशाला में तार बाड़ी और एंगल लेबर आदि के नाम पर 10 हजार जितेंद्र व गुलाब को भुगतान करा लिया. जिन्होंने गौशाला में कभी मजदूरी का काम किया ही नहीं जिनको फर्जी भुगतान किया गया है. वह सचिव संजय दुवेदी के मुंशी है. जो ब्लाक में बैठकर काम करते हैं. सचिव ने अपने मुंशियो के नाम फर्जी भुगतान किया है. इतना ही नहीं प्रधान प्रतिनिधि ने सरकार द्वारा विकास के लिए पंचायत को दिये गये सरकारी धन के दुरुपयोग की बडी पोल खोलते हुए बताया कि 8 अक्टूबर 2022 को सामुदायिक शौचालय में सामान आदि के नाम पर कृष्णा सेनेटरी को 9 हजार रुपये का फर्जी भुगतान किया गया है.

 जिसमें शौचालय के लिए कोई सामान खरीदा ही नहीं गया. शौचालय के नाम पर इस तरह हो रहे फर्जी भुगतानों से ऐसा लगता है मानों सामुदायिक शौचालय ग्राम पंचायतों के लिए कमाई का एक जरिया बनकर रह गये हैं. इसी तरह प्रधान प्रतिनिधि ने किये गये कई फर्जी भुगतानों की पोल खोलते हुए बताया कि सचिव जिन जिन ग्राम पंचायतों में तैनात है. इसी तरह वहां भी फर्जी भुगतान किया जा रहा है. यदि सही ढंग से निष्पक्ष जांच की जाये तो तैनात सचिव की ग्राम पंचायतों में खुलेआम जमकर किये गये लाखों रुपयों के भृष्टाचार का मामला उजागर हो सकता है.

रिपोर्ट- सुनिल यादव
 

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