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वाराणसी। विवाहिता से दहेज की मांग को लेकर मारने-पीटने, प्रताड़ित करने और पति द्वारा उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में पति समेत चार आरोपितों को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत ने मुकदमे के विचारण के बाद आरोप सिद्ध न होने पर जद्दूमंडी, लक्सा निवासी आरोपित पति अंकित सोनकर उर्फ रवि कुमार, ससुर मदनलाल सोनकर, सास मंजू सोनकर व देवर अमन सोनकर को साक्ष्य के आभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपित अगुआ राधे सोनकर की मृत्यु होने के बाद उसके खिलाफ सुनवाई समाप्त कर दी गई थी। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व चंद्रबली पटेल ने पक्ष रखा।

⚡️अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता ने भेलूपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसकी शादी 28 फरवरी 2019 को जद्दूमंडी, लक्सा निवासी अंकित सोनकर उर्फ रवि के साथ हुई थी। शादी के बाद जब वह विदा होकर ससुराल गई तो उसके पति अंकित सोनकर के साथ ही उसके ससुर मदनलाल सोनकर, सास मंजू सोनकर व देवर अमन सोनकर दहेज में दस लाख रुपए की मांग को लेकर आए दिन मारने-पीटने व प्रताड़ित करने लगे। इतना ही नहीं इस दौरान उसके पति उसके साथ बिना उसकी मर्जी के जबरन दुष्कर्म करते थे। विरोध करने पर उसके ससुराल वाले उसकी पिटाई करते थे। इस पर उसके मायके वाले उसकी विदाई करवाकर अपने घर ले आए। इसके कुछ दिन बाद ससुराल वालों के साथ अगुआ उसके मायके आकर दहेज की मांग करने लगे। जब उसके परिवार वालों ने असमर्थता जताई तो वे लोग विदाई कराने से इनकार कर दिए। इसको लेकर कई बार पंचायत भी हुई, लेकिन ससुराल वाले अपने दहेज की मांग पर अड़े रहे। थकहार उसने ससुराल वालों के खिलाफ भेलूपुर थाने में दुष्कर्म व दहेज प्रताड़ना समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। अदालत में विचारण के दौरान कुल तीन गवाह परीक्षित कराए गए। अदालत ने विचारण के दौरान पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन एवं गवाहों के बयान के आधार पर आरोप सिद्ध न होने पर सभी आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया।

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