चहनियां चंदौली बलुआ स्थित गंगा के जलस्तर में विगत तीन दिनों से लगातार पानी बढ़ने से गंगा नदी के तटवर्ती गांवो के लोगों में एक बार फिर खौफ के साए मंडराने लगे हैं। अगर इसी तरह गंगा का पानी बढ़ता रहा तो दो चार दिनों से पानी गंगा नदी के किनारे व तटवर्तीय गांवों में पानी प्रवेश करने लगेगा। बहत्तर घंटे में गंगा का पनीं 15 फिट जलस्तर बढ़ा है। महिला चेंजिंग रूम डुबते हुए शव दाह गृह मे गंगा नदी का पानी पहुंच गया।
गंगा में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की आशंका पुनः एक बार फिर बढ़ गई है। गंगा नदी के तटवर्तीय गांवों के किसानों व ग्रामीणों में खौफ दिखने लगा है। अचानक गंगा नदी में जलस्तर में बढ़ोतरी होने से तटवर्तीय गांवों के लोगों में दहशत के साथ ही खौफ भी दिखने लगा है। गगां तटवर्ती गांव भुपौली,डेरवा,महड़ौरा, कांवर , पकड़ी,महुअरिया, विशुपुर , महुआरी खास , सराय , बलुआ , डेरवाकला, महुअर कला, हरधन जुड़ा, गंगापुर, पुराबिजयी , पुरागणेन, चकरा, हरधनजुड़ा,सोनबरसा, टांडाकला, महमदपुर,सरौली,तीरगावा, हसनपुर,बड़गांवा,नादी निधौरा ,
सहेपुरआदि गांवों के किनारे व तटवर्तीय गांवों के खेतों में पूर्व मे बाढ़ आने के दौरान किसानों द्वारा बोये गये हजारों एकड़ फसलें , सब्जियां,परवल,मिर्चा, लौकी, नेनुआ,वैगन, ज्वर,बाजरा,व अरहर एवं धान की रोपी गई फसलें और पशुओं का हरा चारा पानी में डुबकर बर्वाद हो गया था।
साथ ही पशुओं के चारे की विकट समस्या उत्पन्न हो गयी थी। घाट के किनारे पर झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को विशैले जानवरो का खतरा बना हुआ है । एक पुनः बढ़ते जलस्तर को लेकर के खेतों में लगी फसलें पानी के कारण बर्बाद हो जाने से। किसानों को रोजी रोटी पर भी संकट मंडराने लगा है ।
बाढ़ से घिरे गांव के लोग- लोग रात भर जाग कर गुजर - वसर करने को विवश हो जाते है जिसके चलते लोगों में हाय तौबा मची रहती है। लगभग दो दर्जनों से अधिक गांवों में बाढ़ का चौतरफा पानी लग जाने से ग्रामीण, बच्चे, महिलाओं को पानी से होकर या नांव का सहारा लेकर आवागमन करना पड़ता है।
रिपोर्ट - आलिम हाशमी