राज्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के अगले दिन होने वाली वेतनवृद्धि का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। बृहस्पतिवार को इस संबंध में वित्त विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया। मंगलवार को कैबिनेट बैठक में वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि वेतनवृद्धि की व्यवस्था एक जनवरी 2006 से प्रभावी वेतन समिति उत्तर प्रदेश (2008) की संस्तुतियों के क्रम में लागू की गई है। इसलिए इस आदेश के दायरे में वे कर्मचारी भी आएंगे जो एक जुलाई 2006 के बाद लेकिन शासनादेश जारी होने से पहले रिटायर हो चुके थे।
उन्हें ये लाभ तबसे मिलेगा लेकिन एरियर नहीं मिलेगा। यही व्यवस्था एक जनवरी 2016 के बाद लेकिन शासनादेश जारी होने की तारीख से पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों पर भी लागू होगी संबंधित वर्ष की 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर हो चुके हैं और उनकी वेतनवृद्धि एक जुलाई और एक जनवरी को देय थी।
कैबिनेट में लिया गया था फैसला
मालूम हो कि मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसकी घोषणा की थी। छठवें वेतन आयोग की संस्तुतियों द्वारा कर्मचारियों की सालाना वेतनवृद्धि हर साल एक जुलाई को की गई थी। सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों द्वारा सालाना वेतन वृद्धि एक जनवरी 2016 से लागू की गई। इसके बाद कर्मचारियों को वेतनवृद्धि की तारीख एक जुलाई और एक जनवरी को चुनने का विकल्प दिया गया।
मद्रास उच्च न्यायालय, कर्नाटक उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इस संबंध में दायर विभिन्न याचिकाओं में 30 जून को रिटायर कर्मचारियों को आगामी वेतनवृद्धि दिए जाने के आदेश दिए जा चुके हैं।
मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई बार एसएलपी खारिज की जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश भी दिया था, जिसके तहत न्यायिक अधिकारियों को रिटायरमेंट के बाद पहली जनवरी या पहली जुलाई को होने वाले वेतनवृद्धि का लाभ देने का आदेश दिया गया था।
30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों की वेतनवृद्धि अगर एक जुलाई और 31 दिसंबर को होती थी,
तो उसका लाभ पेंशन और ग्रेच्युटी के रूप में उन्हें नहीं मिल पाता था। इसके बाद इसे राज्य कर्मचारियों पर भी लागू करने का फैसला लिया गया। अब सेवानिवृत्ति के ठीक अगले दिन एक जुलाई और एक जनवरी को वेतनवृद्धि नियत होने पर ऐसे कार्मिकों की पेंशन गणना एक वेतनवृद्धि जोड़कर की जाएगी।