Shaurya News India
इस खबर को शेयर करें:

जीएसटी परिषद की बुधवार और बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक के साथ अगली पीढ़ी के कर सुधारों की योजनाबद्ध शुरुआत हो जाएगी। इससे आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खुली और पारदर्शी हो जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी 2.0 से कारोबारियों के अनुपालन बोझ में और कमी आएगी। छोटे व्यवसायों के लिए फलना-फूलना आसान हो जाएगा।


तमिलनाडु में एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की है। इसमें विनियमों को सरल बनाने और अनुपालन लागत घटाने पर जोर दिया गया है। स्टार्टअप और एमएसएमई के लिए अधिक सक्षम तंत्र बनाने का स्पष्ट अधिकार दिया गया है।


सीतारमण ने कहा, देश विकसित भारत-2047 दृष्टिकोण की ओर आगे बढ़ रहा है। बैंकों को न सिर्फ कर्ज का विस्तार करना होगा, बल्कि बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देनी होगी। इसके लिए एमएसएमई को समय पर और जरूरत आधारित वित्तपोषण सुनिश्चित करना होगा। बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को औपचारिक बैंकिंग दायरे में लाना होगा। विविध आवश्यकताओं को पूरा करना होगा, जहां बैंकिंग चैनलों का समर्थन महत्वपूर्ण है।

टेस्ला, बीएमडब्ल्यू व बीवाईडी को बड़ा झटका महंगी ई-कारों पर लग सकता है 28 फीसदी करदुनिया की दिग्गज कार कंपनियों टेस्ला, बीएमडब्ल्यू, बीवाईडी और मर्सिडीज-बेंज को जीएसटी के मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है। केंद्र सरकार के पैनल ने 46,000 डॉलर (40 लाख रुपये तक) की महंगी एवं लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर 18 फीसदी तक जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया है।


पैनल ने 20 लाख से 40 लाख रुपये की कीमत वाले ई-वाहनों के लिए जीएसटी की दर को वर्तमान 5 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने की सिफारिश की है। 40 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली ई-कारों पर 28 फीसदी टैक्स लगाने का भी प्रस्ताव रखा है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि ऐसे वाहन उच्च वर्ग के लिए हैं। ये घरेलू स्तर पर निर्मित होने के बजाय बड़े पैमाने पर आयात किए जाते हैं।


चूंकि, 28 फीसदी का स्लैब खत्म हो जाएगा, इसलिए जीएसटी परिषद के पास ई-वाहनों पर टैक्स बढ़ाकर 18 फीसदी करने या उन्हें विलासिता वस्तुओं वाले 40 फीसदी की श्रेणी में रखने का विकल्प रह गया है। भारत का ईवी बाजार अभी छोटा है, लेकिन तेज रफ्तार से बढ़ रहा है।

घरेलू वाहन कंपनियां भी हो सकती हैं प्रभावित ई-कारों पर भारी-भरकम जीएसटी का प्रस्ताव घरेलू कंपनियों को भी प्रभावित कर सकता है। पर यह तब, जब कीमतें 20 लाख से ऊपर होंगी। अभी महिंद्रा और टाटा मोटर्स 20 लाख से कम कीमत वाले ई-वाहन ही बेच रही हैं। टेस्ला ने भारत में वाई मॉडल 65,000 डॉलर की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया है। बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज-बेंज और बीवाईडी भी महंगी एवं लग्जरी सेगमेंट ही कारें बेचती हैं।

इस खबर को शेयर करें: