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सुलतानपुर। कश्मीर में जेहादियों ने फिर से गजवा ए हिंद की शुरुआत कर निर्दोष हिंदू महिला बच्चों से भरी बस को गोलियों से भून दिया, इससे देश का हिंदू जन मानस स्तब्ध है। मानव अधिकार संरक्षण के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी पी गुप्ता एडवोकेट पत्रकार ने भारत सरकार से इजराइली तरीके से इनको सबक सिखाने की मांग किया।

 

जिस भारत में संविधान नियंत्रित सरकार और शासन से नियंत्रित सेना और पुलिस बल हैं जिन पर भरोसा कर देश भर के हिंदू कश्मीर में धार्मिक यात्रा करने जाते हैं परंतु वहां उनको जब बेहरमी से कत्ल किया जाता है तो, कोई संविधान उन्हें बचाने नहीं आता है।

 

दो साल के मासूम बच्चे तक को मार दिया जाता है। उनका दोष सिर्फ इतना है कि वे भारत समर्थक हिंदू कौम के नागरिक हैं। देश विरोधी शक्तियां हमेशा से जब जब भारत की अस्मिता पर हमला करना होता है, तो वे प्रमुख तौर पर हिंदुओं का ही कत्ल करती हैं

 

और अन्य बिरादरी को वे अपना दुश्मन‌ नही मानती। पहले भी मुसलमानों को छोड़कर कश्मीर के हिंदू पंडितों का नर संहार करके उनको वहां से भगा दिया गया था। देश में सबका साथ सबका विकास का फार्मूला लागू है पर जेहादी कत्ल करने के लिए सिर्फ हिंदुओं का चयन करते हैं

 

वो भी बिना जाति पूछे, बिना आरक्षण नीति को माने। हम यहां अपनी जाति को मुंह हाथ, तोंद लात से पैदा हुआ मानते हैं, परंतु वहां जेहादी हम सबको सिर्फ काफिर और जहन्नुमी मानते हैं‌ क्योंकि हूरों और शराब से भरे जन्नत का बैनामा तो उनके पुरखों ने पहले से ही करा रखा है। हिंदू श्रद्धालु जा रहे थे माता दी की शरण में पर कर दिया

 

उनका रास्ते में मरण, उधर दिल्ली में चलता रहा सरकारी शपथ ग्रहण। वहां पाकिस्तान और यहां पाकिस्तानी समर्थकों को लग रहा है कि अब मोदी सरकार कमजोर हो गई।

 

अब इस शंका का निवारण मोदी सरकार करे या एनडीए सरकार परंतु जातिवाद से ग्रस्त भारत का सबसे कमजोर तबका हिंदु समुदाय को इंसाफ मिलना ही चाहिए।

 

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