Shaurya News India
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 लखनऊः आज से 3500 वर्ष पहले मिस्र में एक फराओ हुआ करता था जिसको फिरौन भी कहते है और वहां पर ,ज्यूस यानी यहूदी,आज के हिसाब से अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हुआ करते थे, 400 वर्ष ज्यूस वहां बहोत सुकून से थे सारे मिश्री मिलजुल कर थे भाई चारे के साथ फिर 400 वर्ष बाद एक नया फराओ बनाया गया यानी फिरोन, फिरोन उस समय बादशाह का लकब होता था मिस्र में इसने गद्दी पे बैठने के  साथ ही ज्यूस को लेकर भड़काना चालू करदिया अरे ये तो हमारे भगवान को नहीं मानता ये तो हमारे गुलाम होना चाहिए, इनको इतनी आज़ादी कैसे तो मजलूम ज्यूस के पास अपने परमेश्वर पे यकीन के सिवा कुछ बचा ही नहीं, इतिहास गवाह है उस परमेश्वर का कहर जब फिरोन पे आया तो ईश्वर ने उसे दुनिया के लिए इबरत बना दिया,3500 साल हो गए है आज भी मिस्र की म्यूजियम में उसकी लाश पड़ी है जिसको ना जमीन ने कुबूल किया ना आग ने, ये बाइबल की स्टोरी है और मुस्लिम समुदाय की पवित्र किताब कुरान में भी जिक्र है।

रिपोर्ट- धनेश्वर साहनी

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