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वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर 24 अप्रैल से छात्र नेता विवेक सिंह अभिषेक द्वारा आमरण अनशन एवं भूख हड़ताल चालू हुआ।शाम पांच बजे विवेक सिंह के नेतृत्व में सैकङो के संख्या में छात्र मुख्य द्वार बंद किए और भारत माता की जय नारा लगाते हुए भूख हड़ताल एवं आमरण अनशन पर बैठ गए। आज आमरण अनशन एवं भूख हड़ताल का तीसरा दिन है।विश्वविद्यालय परिसर में विशाल राष्ट्रीय ध्वज स्थापित करने के मांग को लेकर छात्रनेता विवेक सिंह ने बहुत दिनों से मुहिम चलाया हुआ है ज्ञात हो कि भारत के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में विशाल राष्ट्रीय ध्वज स्थापित है पर दुर्भाग्यवश काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अभी तक नहीं लग पाया है। विवेक सिंह को आमरण अनशन और भूख हड़ताल पर बैठने के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारीगणों में घबराहट हो गई है । विश्वविद्यालय के अधिकारीयों एवं स्थानीय पुलिस अधिकारी द्वारा विवेक सिंह को काफी मान मनव्वौल के बाद भी वे नहीं माने । उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई एवं लिखित में परिसर के अंदर तिरंगा झंडा स्थापित करने का आदेश नहीं मिलेगा तब तक वे अपना अनशन नहीं तोङेगें। विवेक सिंह ने कहा कि पिछले कई महीनों से ये आंदोलन लगातार चल रहा है पर एक कमेटी बनाने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन मौन है । उन्होनें कहा कि कुलपति राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान नहीं करते हैं एवं छात्रों के प्रति तानाशाही रवैया अपनाते हैं।विवेक सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारीगण कुलपति के चाटुकार हो गए हैं जो कद्दापि नहीं चाहते कि विश्वविद्यालय की सुंदरता बढे एवं छात्रों - अध्यापकों में राष्ट्रभावना जागृत हो।

वही जो विवेक सिंह की हालत बिगड़ी है तो प्रशासन में और बीएचयू प्रशासन में खलबली मच गई इस दौरान एसीपी भेलूपुर धनंजय मिश्रा एवं लंका सो शिवाकांत मिश्रा दल बदल के साथ धरना स्थल पर पहुंचे हैं और उन्होंने विवेक सिंह से बात की उसे दौरान भू के प्रोडक्ट प्रोफेसर शिव प्रसाद सिंह भी वहां पर मौजूद रहे उन्होंने समझा बूझकर विवेक सिंह को जूस पिलाकर आमरण अनशन तुड़वाया और बतलाया कि कमेटी बनी हुई है और इसका निस्तारण जल्द से जल्द निकलेगा।

रिपोर्ट- धनेश्वर साहनी

 

 

 

  

 

 

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