Shaurya News India
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वाराणसीः जहां एक ओर पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी विकास के नित नए आयाम को छू रहा है। वहीं दूसरी ओर दुनिया का मोक्ष द्वारा कहे जाने वाले काशी के बाबा महाश्मशान नाथ सीवर के पानी में डूबे हुए हैं। श्री काशी बाबा विश्वनाथ मंदिर महज 50 मीटर दूरी पर स्थित दुनिया के सबसे बड़े श्मशान मणिकर्णिका घाट के मसान नाथ के मंदिर में बदबूदार पानी भर गया है। जिससे शव दाहक और शव यात्रियों समेत तमाम स्थानीय लोगों का दर्शन-पूजन तक बंद हो गया है। बाबा महाश्मशान नाथ की दोनों टाइम की नियमित आरती नहीं हो पा रही है।

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार दिखा है कि मंदिर के अंदर शिवलिंग के ऊपर तक गंदा पानी भर गया हो। पहले भी सीवर का पानी आता था, मगर इतना नहीं भरता था। लोगों का कहना है कि नगर निगम की यह कैसी स्मार्ट सिटी है, जहां आस्था के साथ ऐसा गंदा खिलवाड़ हो रहा है?

केंद्रीय ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पंडित अजय शर्मा का कहना है कि, यदि श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण के समय सीवर लाइन का समाधान सही से हुआ होता तो मसान नाथ मंदिर का यह हाल नहीं होता। सीवर ओवरफ्लो की समस्या से अब तक तो सिर्फ काशी के लोगों की नारकीय जिंदगी बनी हुई थी, लेकिन अब मामला देवों के देव महादेव तक पहुंच गई है। कई बार शिकायत हुई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब भयंकर स्थिति देखकर किसी की भी आस्था पसीज जाएगी। मंदिर में मलजल पहले भी पहुंचा था। लेकिन इस बार जो हुआ है, वह पहले कभी नहीं हुआ ‌। इस बार पूरा शिवलिंग ही डूब गया है।

पूर्व पार्षद दिलीप यादव ने कहा, "नगर निगम से कई बार सीवर को लेकर शिकायत की गई है। लेकिन उनके अधिकारियों के कानों में जून तक नहीं रेंग रही। आज तो लोग अध्यात्म की बात करते हैं, क्यों नहीं लोग आकर बाबा महाश्मशान नाथ मंदिर में देखते। की बाबा इस समय मलजल में डूबे हुए हैं। "

रिपोर्ट- मंजू द्विवेदी 

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