Shaurya News India
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शहाबगंज, चंदौली।* स्थानीय विकासखंड के कौड़िहार गांव में स्थित मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में ताला लटका होने के कारण यह इन दिनों केवल शोपीस बनकर रह गया है। शनिवार को भी सुबह 8 बजे से बच्चों का समूह केंद्र के बाहर खड़ा रहा, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी दरवाजे नहीं खुले।

 

अंत में, दोपहर तक कोई भी स्टाफ उपस्थित न होने पर बच्चों को निराश होकर घर लौटना पड़ा। केंद्र के अक्सर बंद रहने से बच्चों के अभिभावकों में गहरा आक्रोश पनप रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक है,

 

लेकिन इसके बावजूद केंद्र अक्सर बंद रहता है। मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र होने के बावजूद, जहां दो कार्यकत्रियों — मनोरमा देवी और वंदना देवी के साथ सहायिकाओं की भी नियुक्ति की गई है, वहां यह हालात सवाल खड़े कर रहे हैं।

 

इससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य अधूरा रह जा रहा है।गांव के निवासियों जैसे रामभरोस, देवानंद, रामानंद, रामसहारे, नीरज, भगवान दास, सोमारू, कमंडल, मणी, और दल्लू ने आरोप लगाया है कि केंद्र अक्सर केवल अनाज वितरण के समय ही खोला जाता है और वह भी अधूरा होता है।

 

वितरण प्रक्रिया समाप्त होते ही स्टाफ गायब हो जाते हैं और केंद्र पर ताला लटका रहता है, जिससे बच्चों को घंटों इंतजार करना पड़ता है और उन्हें खाली हाथ घर लौटना पड़ता है। 

 

अभिभावकों ने जिला प्रशासन से केंद्र की तत्काल जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

 

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी आनंद सिंह ने कहा कि उन्हें केंद्र के बंद रहने की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हो रहा है तो वे मामले की जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

 

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