Shaurya News India
इस खबर को शेयर करें:

हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित गुड़िया रेप-मर्डर केस में जांच के दौरान पुलिस कस्टडी में एक आरोपी की हत्या के मामले में 8 पुलिस अधिकारियों को चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।


कोर्ट ने 18 जनवरी को इस मामले में इन अफसरों को दोषी करार दिया था। आज कोर्ट ने हिमाचल के तत्कालीन IG जहूर एच जैदी समेत ठियोग के तत्कालीन DSP मनोज जोशी, SI राजिंदर सिंह, ASI दीप चंद शर्मा, ऑनरेरी हेड कॉन्स्टेबल मोहन लाल और सूरत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल रफी मोहम्मद और कॉन्स्टेबल रानित को उम्र कैद की सजा सुनाई है।


कोर्ट ने शिमला के तत्कालीन SP डीडब्ल्यू नेगी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। CBI कोर्ट ने सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले अदालत ने आज सुबह सभी दोषियों की अपील सुनकर शाम 4 बजे के बाद फैसला सुनाने को कहा था।


साल 2017 में शिमला जिले के कोटखाई में नाबालिग गुड़िया का रेप और मर्डर हुआ था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी सूरज को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान टॉर्चर किए जाने पर उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने इसका आरोप दूसरे आरोपी राजू पर लगा दिया था।


हालांकि लॉकअप में सूरज की हत्या के बाद गुस्साई भीड़ ने कोटखाई पुलिस थाना फूंकने की कोशिश की। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यह केस CBI को सौंप दिया। CBI ने इस मामले में IG और SP शिमला समेत 9 पुलिस अधिकारियों और जवानों को गिरफ्तार किया था।

 

इस खबर को शेयर करें: