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चंदौली हसनपुर स्थित कृष्ण इंटर कॉलेज में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में वृंदावन से पधारे कथा वाचक आचार्य श्री हित रवि कृष्ण शरण जी महाराज ने कथा के पांचवें दिन में भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया ।
बताया कि कैसे भगवान कंस के कारागार में जन्म लेकर वासुदेव जी को बताया कि हमें ले जाकर के गोकुल में नंद बाबा और यशोदा के यहां छोड़कर के वहां से कन्या को लेकर के आप कारागार में आ जाओ । वासुदेव जी ने ऐसा ही किया जैसे कन्या कंस के कारागार में पहुंची ।
जोर-जोर से रोदन करने लगी । रोते हुए कन्या की आवाज को सुनकर कंस के पहरेदार जाग जाते हैं । जाकर के कंस को बताते हैं की जेल खाने में वासुदेव जी का आठमा पुत्र जन्म ले लिया है । कंस दौड़ करके आ करके देखता है की पुत्र की जगह पुत्री हो गई है । पुत्री का ही पैर पड़कर के दीवाल में मारना चाहता है
तभी हाथ से छूट करके जगदंबा बोल पड़ती हैं अरे कंस तू मेरे को क्या मारेगी तेरे को मारने वाला गोकुल में जन्म ले लिया है । जगदंबा वहां से चलकर के आकार के विंध्याचल में निवास करती हैं । इधर गोकुल में नंद बाबा बहुत बधाइयां लूटते हैं । बड़े हर्षित होते हैं
बड़े प्रसन्न होते हैं । सब ग्वाल बाल गोपी मिलकर के धूमधाम से भगवान कृष्ण का गोकुल में जन्मोत्सव मानते हैं । इधर कंस भगवान को करने के लिए पुतना, तृणावर्त, अघासुर ,बकासुर आदि बड़े-बड़े राक्षसों को भेजता है किन्तु भगवान सबको मारते हैं ।
भगवान गोपियों के घर में जाकर के माखन चुराते हैं । मक्खन के साथ गोपियों को मन को भी चुरा लेते हैं । आगे चलकर भगवान कालिया नाग के ऊपर तांडव नृत्य करके कालिया नाग को वृंदावन से भगा देते हैं । भगवान चीर हरण लीला करते हैं । आगे चलकर के भगवान गोवर्धन पूजा बृजवासियों से कराते हैं । इंद्र कुपित होता है ।
बृजवासियों पर इंद्र के मां का मर्दन करते हैं । भगवान रास रचाते हैं । रास में सभी गोपियों के मनोरथ को भगवान पूर्ण करते हैं भगवान वृंदावन को छोड़कर के मथुरा पुरी को जाते हैं । मथुरा में जाकर कंस का वध करके अवंतिका पुरी उज्जैन में पढ़ने के लिए भगवान जाते हैं ।
अल्पकाल में विद्या ग्रहण करके मथुरा पुरी में आते हैं । उद्धव जी को पत्र ले करके वृंदावन भेजते हैं । वह उद्धव गोपी संवाद की कथा को व्यास जी महाराज ने सुनाया। भगवान ने भीष्मक नंदिनी रुक्मणी से विवाह करते हैं । सभी ग्रामवासीय क्षेत्रवासी भगवान की सुंदर विवाह की झांकियां को देखकर के बड़े प्रसन्न हुए हर्षित हुए सभी ग्राम वासी क्षेत्रवासी भारी जनसंख्या में पहुंचकर के भागवत कथा का लाभ ले रहे हैं ।