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समता-समरसता के असाधारण संगम मौनी अमावस्या पर्व पर गंगा स्नान के लिए उमड़ी हजारों की भीड़ को नमामि गंगे के सदस्यों ने स्वच्छता का संदेश दिया ।
दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, प्रयाग घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट और अहिल्याबाई घाट तक लोग सफाई संग स्वच्छता के प्रति जागरूक हुए। गंगा सेवक राजेश शुक्ला को सफाई करते देखकर श्रद्धालुओं ने भी स्वच्छता में हाथ बंटाया और गंगा किनारे पड़े हुए माला-फूल , पॉलिथीन एवं अन्य सामग्री को साफ कर कूड़ेदान तक पहुंचाया ।
इस दौरान लाउडस्पीकर से स्वच्छता रूपी आवाह्न को आत्मसात करने की अपील की। मां गंगा की आरती उतारी गई। सदस्यों ने हाथों में स्वच्छता स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर " सफाई है तो स्वास्थ्य है गंदगी है तो बीमारी है " के बारे में स्नानार्थियों को बताया। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला ने बताया कि चिरस्मरणीय जन सैलाब,
अकल्पनीय दृश्य और समता- समरसता का असाधारण संगम मौनी अमावस्या का यह पर्व विविधता में एकता का पर्व है।
महाकुम्भ भारत की शाश्वत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक और आस्था व सद्भाव का उत्सव है । यह पर्व हमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है ।
आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला, महानगर सहसंयोजक बीना गुप्ता, विजय कुमार पाण्डेय, राकेश पाण्डेय सहित सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।