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वाराणसी। महामना पण्डित मदनमोहन मालवीय की 162वीं जयंती के अवसर पर डा.आर.के ओझा ने आज काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित स्वयंसेवी संगठन मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आर.के नेत्रालय में एक कार्यक्रम में 'पण्डित मदनमोहन मालवीय जी के आदर्श श्लोक, न त्वहं कामये राज्यं न स्वर्गं नापुनर्भवम्। कामये दुःखताप्तानां प्राणिनामार्तिनाशनम्॥ 

का उल्लेख करते हुए कहा कि दु:ख से पीड़ित मानवता के काम आना ही महामना का अन्तिम ध्येय था।इस अवसर पर 11 निराश्रितों के मोतियाबिन्द का निःशुल्क आपरेशन अद्यतन फेको विधि से सम्पन्न हुआ और सभी मरीजों में फोल्डेबल लेंस प्रत्यारोपित किया गया।

कार्यक्रम में पण्डित मदनमोहन मालवीय को पुष्पांजलि भी अर्पित की गई।आर.के नेत्रालय के मैनेजर संदीप दुबे ने उन्हें महान विद्वान और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किया जाता है।संचालन प्रेम प्रकाश सिंह एवं आभार राकेश सिंह ने किया।

कार्यक्रम में प्रमुख रुप से मिथिलेश पाण्डेय,डा.मनोज, विवेक राय,राजेश सिंह, अमरेश उपाध्याय, आर.के सिंह, सुमंत मौर्य, बबलू, सूरज,संजय ओझा इत्यादि लोग सम्मिलित रहे।

 

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