Shaurya News India
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वाराणसीः कई लोगों को हैरत होती है कि आखिर स्वयंसेवक, संघ स्थान पर दक्ष आरम और खेलकूद करते हैं, इसका समाज को क्या लाभ ? संघ स्वयंसेवक, संघ स्थान पर प्राप्त संस्कारों से समाज को जो प्रदान करतेहैं | बच्चों को मातापिता का लाड प्यार दुलार और संस्कार प्रदान करना, क्या कोई साधारण कार्य है ? और यह कोई इकलौता कार्य नहीं है | संघ के गीतों में संघ की कार्य योजना झलकती है | जैसे -
दशो दिशाओं में जाएँ, दलबादल से छा जाएँ,
उमड़ घुमड़ का इस जगती को नंदनवन सा सरसायें |

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