Shaurya News India
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बसपा ने नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में से सात सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पर, खैर और सीसामऊ सीट को लेकर असमंजस बरकरार है। सूत्रों की मानें तो पार्टी अगले दो दिन में सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की औपचारिक घोषणा कर देगी। हालांकि मिल्कीपुर सीट के लिए भी प्रत्याशी का एलान कर दिया गया लेकिन अभी वहां उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है। बसपा उपचुनाव में टिकट देने के दौरान सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपना रही है। जबकि उसका यह प्रयोग बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव में फेल हो चुका है।


बता दें कि बसपा ने मझंवा सीट से दीपू तिवारी, मीरापुर से शाह नजर, करहल से अवनीश शाक्य, फूलपुर से जितेंद्र सिंह, कुंदरकी से रफतउल्ला उर्फ नेता छिद्दा और कटेहरी से अमित वर्मा जितेंद्र, गाजियाबाद में पीएन गर्ग और मिल्कीपुर में रामगोपाल कोरी को टिकट देने को हरी झंडी दे दी है।

मिल्कीपुर में फिलहाल उपचुनाव नहीं होना है। पार्टी ने कानपुर की सीसामऊ सीट से दो माह पूर्व रवि गुप्ता को टिकट देने की घोषणा की थी लेकिन अभी नामांकन नहीं करने की वजह से ऊहापोह की स्थिति है। इसी तरह अलीगढ़ की खैर सीट पर अभी प्रत्याशी का चयन होना बाकी है। उम्मीदवारों के नामों का पैनल पार्टी सुप्रीमो को भेज दिया गया है।


दरअसल, बसपा के लिए उपचुनाव अग्निपरीक्षा साबित होने जा रहा है। बीते चुनावों से लगातार हाशिए पर जा रही बसपा के लिए उपचुनाव में कुछ सीटों पर जीत मिलना, उसके अस्तित्व के लिए जरूरी है। हालांकि दलित वोट बैंक को सहेजने की उसकी सारी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं।

सपा और इंडी गठबंधन के साथ भाजपा भी बसपा के दलित वोट बैंक को अपने पाले में करने के सारे जतन कर रही है, जिससे बसपा की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। पार्टी की लगातार चुनावों में हो रही हार को लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों की सक्रियता पर भी सवाल उठने लगे हैं।

 

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