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शहाबगंज, चंदौली।स्थानीय विकासखंड के बड़गांवा में शनिवार की रात कौमी यजहकती फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित आल इंडिया मुशायरा और कवि सम्मेलन ने साहित्य प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। देशभर से आए नामचीन शायरों और कवियों ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों से श्रोताओं का दिल जीता और समाज को आपसी भाईचारे एवं प्रेम का संदेश दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि हाजी सय्यद नईम और विशिष्ट अतिथियों का माला और अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत करने से हुई। साथ ही, पत्रकारों को उनकी सेवाओं के लिए पेन, डायरी, माला और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
इस सम्मान समारोह ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया। कार्यक्रम में अतीक अंजर ने अपनी रचना "जियो जीने दो लोगों को, सभी को जैसे हिन्दुस्तान है, रहने दो" से भाईचारे का संदेश दिया।
तो वहीं मुश्ताक बनारसी की भावुक शायरी "मेरे आका मेरे सरकार मदीने वाले, मेरा बेड़ा भी करो पार मदीने वाले" ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।नसीम साज ने अपनी पंक्तियों "यहां जो आदमी सच्चा बहुत है, उसी के जान का खतरा बहुत है" से सच्चाई का आइना दिखाया।
वसीम मजहर ने जोश से भरी शायरी "पांव में अज्म की आग जो हो भरी, तो मुक़ाबिल में सेहरा नहीं आएगा" प्रस्तुत कर जोश भर दिया। शायरा रीना तिवारी ने अपनी भावुक पंक्तियों "यूँ तो दुनिया में बहुत है, मगर मां से बढ़कर जमाने में कोई नहीं" से श्रोताओं के दिलों को छू लिया। उनकी प्रस्तुति ने मातृत्व की महिमा को बड़े ही भावनात्मक अंदाज में प्रस्तुत किया।
शबीना अदीब, जौहर कानपुरी, राधेश्याम भारती, काविश रुदौलवी, शाइस्ता सना, नेज़ाम बनारसी, अबू शाहमां मुगलशरायवी, और सना महमूदाबादी ने भी अपने उत्कृष्ट कलाम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।बंधु पॉल की हास्य-व्यंग्य रचनाओं ने कार्यक्रम में ठहाकों की गूंज भर दी।कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व जिला पंचायत सदस्य रतीश कुमार, पूर्व प्रधान जमील अहमद, प्रधान संघ अध्यक्ष गुलफाम अहमद,
अशरफ अली, महेंद्र कुमार राव, मुश्ताक अहमद, अकील अहमद, रेहान सिद्दीकी फुजैल खान, तुफैल खान, आकिब राजू, इरशाद अहमद, परवेज खान, गुफरान खान, अंजुम उर्फ लड्डू अहमद, हाफिज बिस्मिल्लाह, अशरफ खान, रकीब अहमद और सद्दाम खान सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे
।कार्यक्रम के आयोजक कय्यूम उर्फ कम्मू और सह-आयोजक मुश्ताक अहमद ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।कार्यक्रम का संचालन समर गाजीपुरी ने किया, जिन्होंने अपने शानदार शब्दों से श्रोताओं को बांधे रखा
।देर रात तक चले इस कार्यक्रम ने साहित्य और शायरी प्रेमियों को एक यादगार शाम दी। श्रोताओं ने इसे साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का एक बेहतरीन प्रयास बताया।