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अयोध्या की मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव भाजपा और सपा की साख का सवाल है। यूं तो चुनावी तैयारी और सियासी ताकत में भाजपा ने सपा पर बढ़त बनाई है।
लेकिन सीट के जातीय समीकरण और चुनावी इतिहास देखें तो उपचुनाव में मुकाबला रोचक और कांटे का है।
रामनगरी की इस सीट पर भाजपा ने जहां संदेश बदलने के लिए ताकत झोंकी है, वहीं सपा ने संदेश बरकरार रखने के लिए मशक्कत की है। विस्तार से पढ़िए दोनों पार्टियों ने क्या रणनीति अपनाई...
भाजपा ने मिल्कीपुर में उपचुनाव की तैयारी करीब 5 महीने पहले जुलाई 2024 में ही शुरू कर दी थी। सीएम योगी ने 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने के मद्देनजर मिल्कीपुर और कटेहरी सीट की कमान खुद अपने हाथ में रखी।एक याचिका दायर होने के कारण मिल्कीपुर उपचुनाव कुछ दिनों के लिए टल गया।
लेकिन भाजपा ने अपनी तैयारी जारी रखी। नवंबर 2024 में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में कटेहरी सहित 7 सीटें भाजपा ने जीती थीं।विवाद टालने के लिए प्रत्याशी बदला
मिल्कीपुर उपचुनाव में प्रत्याशी चयन बड़ी मशक्कत के बाद हुआ। पूर्व विधायक गोरखनाथ