Varanasi : आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन योजना के तहत श्री मनोज कुमार शर्मा, उप महानिरीक्षक के दिशा-निर्देशन में 11 एनडीआरएफ, वाराणसी की टीम द्वारा लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, वाराणसी में सीबीआरएन ( केमिकल, बायोलोजिकल, रेडिओलोजिकल और न्यूक्लियर) आपदा पर संयुक्त मॉक अभ्यास किया गया। अमित कुमार सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी की देखरेख में सीआईएसएफ, हवाई अड्डे के कर्मचारियों और विभिन्न हितधारकों के साथ रेडियोलॉजिकल आपातकाल पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
इस दौरान हवाई अड्डे के एयर ट्रैफिक कंट्रोल कैम्पस में रेडियोलॉजिकल डिस्पर्सल डिवाइस के स्रोत का परिदृश्य तैयार किया गया था, जिसमें कुछ कर्मचारी उसके सम्पर्क में आने से घायल हो गये थे। अभ्यास की शुरुआत आपातकालीन अलार्म के साथ हुई। प्रभावित पीड़ितों को निकालने के लिए विशेष प्रतिक्रिया के लिए एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया। एनडीआरएफ की टीम ने जानकारी जुटाकर स्थिति का आकलन किया एवं इसके साथ ही ऑपरेशन बेस, मेडिकल पोस्ट और कम्युनिकेशन पोस्ट तैयार किया। इसके बाद टीम ने खतरे की जांच कर ऑपरेशन शुरू किया।
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एनडीआरएफ रिकवरी टीम द्वारा रेडियोलॉजिकल डिस्पर्सल डिवाइस स्रोत को सील कर दिया गया। बचाव दल ने सीबीआरएन सूट की मदद से प्रभावित पीड़ितों को निकाला। उसके बाद, पीड़ितों और बचावकर्ताओं की परिशोधन प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। यह पूरा अभ्यास श्री पुनित गुप्ता (हवाई अड्डा निदेशक), श्री ए.के. पाठक (संयुक्त जीएम एटीसी), श्री एस.के.घोष पूर्व प्रमुख, एईआरबी, वरिष्ठ सलाहकार एनडीएमए की मौजुदगी में किया गया।
मनोज कुमार शर्मा, उप महानिरीक्षक ने बताया कि मॉक एक्सरसाइज का उद्देश्य सभी हितधारकों के बीच समन्वय बनाना, उपचारात्मक उपाय करना, संसाधनों की दक्षता की जांच करना और प्रतिकूल स्थिति में बचाव कार्यवाही को परखना था, जिससे किसी भी सीबीआरएन आपदा के दौरान कार्यवाही करते हुए बहुमूल्य मानव जीवन को बचाया जा सके।
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