वाराणसी। हत्याकाण्ड के आरोपित चन्द्रिका राम को रामनगर विश्वसुन्दरी पुल के पास से लक्सा पुलिस और एसओजी सर्विलांस टीम ने गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस टीम ने आरोपित की निशानदेही पर कारोबारी के शव के टुकड़ों को भी बरामद कर लिया।
डीसीपी चंद्रकांत मीणा और एसीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक ने घटना क्रम के बारे में जानकारी दी। बताया कि कारोबारी दावर वेग की हत्या का सीधा संबंध बीती नौ मई को संकुल धारा पोखरा के समीप स्थित कंकड़वाबीर मस्जिद के भीतर खुद को गोली से उड़ा लेने वाले सीमेंट कारोबारी बब्लू उर्फ हाजी साजिद से है।
मृतक दावर के छोटे भाई ने पुलिस को बताया था कि बड़ा भाई सात मई को परिजनों को यह बताकर मोटर साइकिल से निकले थे कि खजुरी कालोनी निवासी बब्लू उर्फ हाजी साजिद से मिलने जा रहा हूं।
दावर बेग और साजिद अली अच्छे दोस्त थे। दोनों में अक्सर कारोबार को लेकर रुपये का लेन-देन होता था। इसलिए परिजन भी निश्चिंत थे। लेकिन रात 11 बजे तक जब दावर घर नहीं लौटे तो उनसे संपर्क करने के लिए परिजनों ने कई बार फोन किए, लेकिन रिसीव नहीं हुआ।
इसके बाद परेशान होकर परिजनों ने अपने स्तर से खोजबीन की। कुछ पता न चलने पर परिजनों ने आठ मई को लक्सा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। परिजनों ने हाजी साजिद अली पर दावर के अपहरण की आशंका जताई थी। पुलिस साजिद को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की तैयारी में जुटी थी।
इसी बीच 9 मई को खोजवां क्षेत्र के कंकड़वावीर मस्जिद में उसने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। इसके बाद पुलिस मामले को सुलझाने में जुट गई। छानबीन में सामने आया कि 10 मई को हाजी के यहां काम करने वाला बिहार निवासी युवक भी लापता है।
इसके बाद पुलिस टीम ने कर्मचारी चंद्रिका राम को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में चंद्रिका ने बताया कि हाजी साजिद और मैंने कटेसर पड़ाव रामनगर रोड स्थित सीमेन्ट गोदाम में अपहृत दावर की हत्या कर दी थी। आरोपी की निशानदेही पर अपहृत के शरीर के हिस्से, दोनों पैर विश्व सुंदरी पुल के पास झाड़ी से और धड़ रायपुरिया नारायनपुर डिवाइडर हाजी पट्टी के पास स्थित नाला से बरामद कर लिया।
आरोपी ने बताया कि दावर के सिर को काट कर हम लोगों ने गंगा नदी में फेंक दिया। पुलिस सिर के बरामदी के लिए प्रयास कर रही है। आरोपी ने बताया कि हाजी साजिद और मैंने मिलकर दावर के सिर पर राड मारा था और शरीर को बांके से काटकर अलग-अलग किया था। पूरे मामले के पीछे रुपयों का लेनदेन ही माना जा रहा है। घटना का मुख्य मास्टर माइंड साजिद ही था।साभा