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वाराणसी,बीएचयू के कला संकाय में शुक्रवार को एनी बेसेंट हाॅल में एक दिवसीय एनएसएस शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें "स्ट्रोक के कारण और प्रबंधन" पर विशेष व्याख्यान हुआ। इस शिविर का आयोजन व संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) प्रोग्राम ऑफिसर (यूनिट-ए) व पाली एवं बौद्ध अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह द्वारा किया गया।

 

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बीएचयू (आईएमएस-बीएचयू) के न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वरुण कुमार सिंह उपस्थित रहे।

 

कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य छात्रों को स्ट्रोक के कारणों, लक्षणों की पहचान और उचित प्रबंधन के उपायों के बारे में जागरूक करना था। अपने संबोधन के दौरान डॉ. वरुण कुमार सिंह ने स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान के लिए "बी फास्ट" तकनीक पर जोर दिया, जिसमें संतुलन, आंखें, चेहरा, हाथ, भाषण और समय शामिल हैं। उन्होंने इस तकनीक को स्ट्रोक की त्वरित प्रतिक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में प्रस्तुत किया।

 

डॉ. सिंह ने स्ट्रोक की रोकथाम के लिए जीवनशैली में आवश्यक बदलावों पर बल दिया। उन्होंने छात्रों को नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और धूम्रपान से बचने की सलाह दी, ताकि हृदय-स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सके। सत्र में रक्तस्राव और थक्का जमने जैसे स्ट्रोक के मुख्य कारणों पर भी गहन जानकारी दी गई।

 

माई भारत पोर्टल की नोडल ऑफिसर डॉ. शिल्पा सिंह ने स्वास्थ्य जागरूकता में युवाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया और उन्हें समाज में स्वास्थ्य संबंधी पहलों का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया। सत्र में वियतनाम, बर्मा और थाईलैंड के अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की उपस्थिति से कार्यक्रम की विविधता में इजाफा हुआ।

 

इस आयोजन में स्वयंसेवक हर्षिता, अंकेश, आकाश और व्यास ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिन्होंने सत्र के दौरान व्यवस्था बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभाई।

 

यह शिविर छात्रों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या से बचाव के उपायों को अपनाने हेतु प्रेरित करने में सफल रहा।

 

रिपोर्ट समीर

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