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ठंड में निर्वस्त्र बच्ची को बिलखता देख कांपा कलेजा, डॉक्टर बोले...सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान पर लाख जतन कर रही है, लेकिन आज भी कुछ लोग बेटियों के प्रति दकियानूसी सोच रखते हैं। इसकी खौफनाक बानगी बृहस्पतिवार को देखने को मिली।

रुहासा गांव के खेत में एक दिन की नवजात रोते हुए मिली।बेचारी मासूम बोल नहीं सकती थी, लेकिन उसकी अंतरआत्मा विलाप के जरिए व्यवस्था और बेरहम मां से यही सवाल कर रही थी कि मैं बिटिया हूं, बस यही मेरा कसूर है।

गांव निवासी अफजाल के खेत में लगभग 11 बजे एक बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी। आसपास खेल रहे बच्चे वहां पहुंचे तो उन्हें बच्ची निर्वस्त्र हालत में मिली। भूख व कड़ाके की ठंड के चलते बच्ची रोए जा रही थी।

बच्चों ने ग्रामीणों को जानकारी दी, जिस पर रुकसार व शबाना वहां पहुंची और उसे चादर में लपेटकर सीने से लगाया। सूचना मिलते ही पीआरवी व दौराला पुलिस मौके पर पहुंची। 

एंटी रोमियो की प्रभारी खुशबू यादव के संरक्षण में बच्ची को सीएचसी दौराला लाया गया। यहां जांच के दौरान चिकित्सक ने उसे स्वस्थ पाया।

सीएचसी प्रभारी डॉ. सचिन ने बच्ची का जन्म एक दिन पहले होने का अनुमान लगाया है। गांव के ही तीन दंपती बच्ची को गोद लेने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने प्रक्रिया के तहत गोद लेने की उन्हें जानकारी दी।

सीएचसी से स्वास्थ्य की जांच के बाद बच्ची को प्यारेलाल अस्पताल में भेज दिया गया। थाना प्रभारी उत्तम सिंह राठौर का कहना है कि बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। उसके माता-पिता की जानकारी करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई सामने नहीं आया।

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