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नई दिल्ली - पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) के प्रस्‍ताव को मंजूरी मिल गई है। बता दें कि वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी ने प्रस्‍ताव कैबिनेट के पास भेजी गयी थी। सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में इसे पेश कर सकती है।

वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में इस साल की शुरुआत में एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने इसी साल 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

कमेटी ने 191 दिनों तक कई विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों के लोगों से चर्चा के बाद 18 हजार 626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें सभी राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाकर 2029 तक करने का सुझाव दिया गया था, जिससे अगले लोकसभा चुनाव के साथ ही इनके चुनाव भी कराए जा सकें।

वन नेशन वन इलेक्शन के फायदे :
देशभर में एक साथ चुनाव करवाने पर करोड़ों रुपये की बचत होगा। साथ ही चुनाव आयोग को बार-बार चुनाव कराने से निजात मिलेगी। एक साथ चुनाव होने से बार-बार आचार संहिता लगाने की जरूरत नहीं होगी

 

 

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