वाराणसी-गाजीपुर मार्ग पर कैथी टोल प्लाजा की संचालक कंपनी एके कंस्ट्रक्शन के पक्ष में हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया। पूर्व में टोल प्लाजा पर हुई मारपीट के बाद संचालक कंपनी को ब्लैक लिस्ट करते हुए उसका अनुबंध निरस्त कर दिया गया था।
इस संबंध में कंपनी के मालिक ने हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने एग्रीमेंट रद्द करने के आदेश को निरस्त कर दिया है।
टोल पर पैसों की वसूली के दौरान हुई थी मारपीट
बीते दिनों वाराणसी-गाजीपुर मार्ग पर कैथी में बने टोल-प्लाजा पर पैसों की वसूली के दौरान मारपीट हुई थी। इस पर एनएचआई के संबंधित अधिकारियों ने नोटिस जारी कर एके कंस्ट्रक्शन से स्पष्टीकरण मांगा था।
आरोप है कि बिना स्पष्टीकरण देखे अधिकारियों ने मनमाने तरीके से कंपनी को ब्लैक लिस्ट करते हुए दोगुना अर्थदंड लगाया और कांट्रेक्ट निरस्त कर दिया था।
हाईकोर्ट में की अपील, कोर्ट ने आदेश किया रद्द
एके कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी ने बताया - इस पर हमने हाईकोर्ट में एक अपील की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ तथा मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने एके कंस्ट्रक्शन कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए
अनुबंध समाप्त करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि एनएचआई के अधिकारियों ने नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों की अवहलेना करते हुए फैसला सुनाया है।
याची ने पेनाल्टी जमा की फिर भी कर दिया ब्लैक लिस्ट
कोर्ट ने आगे कहा कि - याची ने पेनाल्टी जमा की उसके बाद भी उस पर दोहरा अर्थदंड लगाते हुए 6 महीने के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया जो की न्याय संगत नहीं है। कोर्ट ने एनएचआई के आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि एनएचआई नए सिरे से नोटिस और आदेश जारी करे।