Shaurya News India
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पीडियाट्रिक इंटेंसिव केअर & पुलमोनोलॉय डिवीज़न ने बच्चों में दमा की पहचान, डायग्नोसिस, और ट्रीटमेंट के ऊपर प्रदेश से एक्सपर्ट स्पीकर ने जानकारी दिया। प्रोफेसर सारिका गुप्ता( KGMU) ने 5 साल से कम बच्चों में दमा की कैसे पहचान करेगे और किस तरह से इलाज करेगे के बारे में बताया।

प्रोफेसर शेतानसु श्रीवास्तव (RML Lucknow) ने 5 से 12 साल के बच्चों में दमा की पहचान एवम इलाज के बारे में बताया। प्रोफेसर रश्मि कपूर ने 12 साल से बड़े बच्चों में दमा की पहचान एवं इलाज के बारे में बताया। प्रोफेसर अशोक कुमार ने डिफिकल्ट टू ट्रीट आस्थमा की पहचान एवंम इलाज के बारे में बताया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हूँ डाइरेक्टर प्रोफेसर स न संखवार ने दमा की गंभीरता, लंबे समय के खतरे एवम परिवार जन को इलाज में भागीदारी पर जोर दिया। प्रोसेसर अंकुर सिंह में स्वागत भाषण दिया

 

और विभाग में नए नए बिसयो पर कार्यशाला के आयोजन पर जोर दिया जिससे पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर्स को लाभ मिल सके। कार्यशाला के ऑर्गनिसिंग चेयरपर्सन  प्रोफेसर सुनील कुमार राव ने बताया इस कार्यक्रम में मोर्डन मेडिसन, आयुर्वेद, कबीरचौरा एवम हेरिटेज मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर ने भाग लिया और कार्यशाला में नई मशीनों का कैसे उपयोग कर के दमा की पहचान करे के बारे में डाक्टर्स को बताया गया। नई मशीन FOT और FeNO के बारे में बताया गया। 

 


प्रोफेसर सुनील कुमार राव ने कहा "अस्थमा जरूरत है आदत नही" बदलते हुए मौसम, पॉल्युशन और खानपान में बदलाव से बच्चों में एलर्जी की संख्या में बदलाव आया है। कार्यशाला के अंत मे ऑर्गनिसिंग सेक्रेट्री डाक्टर अनिल कुमार सरोज में धन्यबाद ज्ञापन किया

और डॉक्टर प्रियंका दुआ के साथ मिलकर inhalation device के बारे में सभी पोस्टग्रेजुएट डॉक्टर्स को बताया।  100 से अधिक लोगो ने भाग लिया। कार्यशाला में प्रोफेसर विनीता, राजनीति प्रसाद, ज के मिश्रा, अभिषेक अभिनय, प्रियंका अग्रवाल, अनु शर्मा, मोहित भाटिया,  नीलेश कुमार, प एस उपाध्याय, वैभव जयसवाल एवम डाक्टर खत्री chairperon की भूमिका निभाई।

 

रीपोर्ट समीर

 

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