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चंदौली। क्षेत्र के सैदपुर तिरगावा गंगा घाट पर बने रामकरन सेतु में निकली छड़ें और गड्डों में गिरकर आए दिन राहगीर चोटिल हो रहे हैं, किंतु सेतु निगम विभाग के अधिकारीयों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। आलम यह है कि पूरे पुल पर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं और पुल में लगी छड़ें राहगीरों को चोटिल करने के लिए झांक रही हैं।
मालूम हो कि रामकरन सेतु चंदौली को गाज़ीपुर, वाराणसी, बलिया, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, सुल्तानपुर, लख़नऊ सहित अनेक जिलों से जोड़ता है। वहीं बिहार जाने के लिए इन जिलों के यात्री इसी पुल का सहारा लेते हैं। रात दिन यात्रियों से गुलज़ार रहने वाला यह पुल अब जानलेवा हो गया है।
पुल पर बने एक गड्ढे को बचाते बचाते दूसरा गड्ढा आ जाता है, जिससे वाहन चालक अनियंत्रित होकर गिरकर चोटिल हो जा रहे हैं। स्थिति और गंभीर तब हो जाती है, जब दोनों ही तरफ से वाहन एक साथ गुजरते हैं। ऐसे में किसी एक वाहन को रुकना ही पड़ता है।
क्षेत्रीय नागरिकों ने कई बार इस तरफ संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया, किंतु उन पर कोई असर नहीं पड़ता। शायद वे किसी बड़ी दुर्घटना के होने का इंतज़ार कर रहे हैं।
क्षेत्र के ज्ञानी जैल सिंह प्रधान जमालपुर, बनफल यादव प्रधान, डॉ. राजेश निषाद, डॉ. नदीम अशरफ़, राजेश यादव बीडीसी, तस्लीम खान, इरफ़ान अहमद उर्फ सुड्डू भावी प्रधान, डॉ. संवरू, डॉ. शशिकांत यादव, रमाशंकर ओझा आदि लोगों ने रामकरन सेतु पर बने जानलेवा गड्डों और उसमें निकली छड़ों की अविलम्ब मरम्मत कराने की मांग की है।