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वाराणसीः सर्व सेवा संघ परिसर राजघाट पर सरकार द्वारा किये गए अवैध कब्जे के ख़िलाफ़ आदर्श ग्राम नागेपुर वाराणसी में अगस्त क्रांति 1942 की पूर्वसंध्या पर मशाल जुलूस निकाल कर प्रतिरोध दर्ज कराया गया।

अगस्त क्रांति 1942 की पवित्र स्मृति में आयोजित मशाल जुलूस में सैकड़ो ग्रामीणों के संग देश भर से आए सर्वोदयी गाँधीजनो के साथ बनारस के सामाजिक राजनैतिक जमात के लोग शामिल हुए। मशाल जुलूस लोकसमिति कार्यालय नागेपुर से अम्बेडकर पार्क तक गया।

ज्ञातव्य है सर्व सेवा संघ वाराणसी परिसर राष्ट्रीय स्तर की संस्था है। महात्मा गांधी की हत्या के बाद बनी ये संस्था लोकसत्ता और लोकराजनीति निर्माण के लिए काम करती है। देश भर में सर्व सेवा संघ के आश्रम और केंद्र प्रगतिशील अहिंसक लोकतांत्रिक शांतिपूर्ण साहित्य रचना के साथ साथ जनता के बीच गांधी विचार के कार्यक्रम और प्रशिक्षण के काम मे लगी हुई है।

बनारस में राजघाट स्थित परिसर में सर्वोदय प्रकाशन है। इस प्रकाशन से लगातार मनीषियों के विचार और साहित्य प्रकाशित होता है। उल्लेखनीय रूप से रेलवे स्टेशनों पर पाए जाने वाले सर्वोदय स्टॉल पर पाई जाने वाली किताबे यंही से प्रकाशित होकर जाती है।

मशाल जुलूस के दौरान हुई बात रखते हुए एक वक्ता ने कहा कि प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र बाबू, प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, सन्त विनोबा भावे , बाबू जगजीवन राम, जयप्रकाश नारायण , लालबहादुर शास्त्री आदि की कोशिशों से बनी हुई ऐतिहासिक महत्व की संस्था पर बनारस में वर्तमान सत्ता और प्रशासन जो कर रही है वो अन्यायपूर्ण है। 

ये निजाम जिसमे गांधी हत्या के लिए जिम्मेदार विचारधारा फलती फूलती दिखती है , ये चाहते हैं कि गांधी विचार, शांति, अहिंसा, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी मूल्यों से बना बने हमारे हिन्दोस्तान की साझी विरासत साझी संस्कृति के ढांचे को चोट पँहुचाया जाए।

आरएसएस बीजेपी के लिए सत्ता पाना ही सिर्फ लक्ष्य नही है, इनके लिए असल मुद्दा है विचारधारा। गांधी की विचारधारा को चोट पँहुचाने की ये कोशिश वस्तुतः देश के उस ढांचे पर प्रहार है जिसे आजादी की लड़ाई के दौरान हमारे पुरखों ने बनाया है।

राजघाट परिसर को बचाने के सर्व सेवा संघ के कार्यकर्ताओं के साथ साथ सामाजिक राजनैतिक समूहों के भी लोग काफी तादात में साथ आ रहे हैं।

अगले वक्ता ने कहा कि सर्व सेवा संघ के विचार और आत्मा पर आरएसएस की कुदृष्टि है। जमीन और इमारत पर भारतीय जनता पार्टी की कुदृष्टि है। रामनगर से दिनदयाल उपाध्याय स्टेशन तक रेलवे लाइन बिछाते हुए फ्रेट कॉरिडोर के बहाने से गांव की जमीन हथियाना चाह रहे हैं। बैरवन मोहन सराय में ट्रांसपोर्ट नगर में गांव के किसानों को बर्बर तरीके से मार पीट कर जमीन जबरन अधिग्रहण की जा रही है। विश्वनाथ कौडिडोर के नाम पर विश्वनाथ गली क्षेत्र की जमीन हथियाई गयी। राजघाट में भी ये ही हो रहा है। इन सबके पीछे असल मामला जमीन हथियाना है और अपने पूंजीपति मित्रो को गिफ्ट देना है।

प्रेरणा कला मंच के नाट्य टीम ने अगस्त क्रांति की स्मृति को याद करते हुए प्रेमचंद्र के नाटक का मंचन किया ।

मशाल जुलूस और सभा मे प्रमुख रूप से सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्दन पाल, समाजवादी नेता डॉ सुनीलम, प्रो0 आनंद कुमार, आशा भोथरा, प्रदीप खेलोलकर, जागृति राही, विनय शंकर राय मुन्ना, विनोद रंजन, रमेश ओझा, नंदलाल मास्टर, अविनाश काकड़े, सुगन बरन, शंकर राणा, सतीश सिंह, संजीव सिंह, एकता , शुभा प्रेम, फा0 आनंद, लाल बहादुर राय , फा0 प्रवीण, रामधीरज , सानिया अनवर, डॉ इंदु पांडे, अरविंद अंजुम ,शेख हुसैन, इस्लाम भाई, अशोक शरण, धनञ्जय त्रिपाठी, रवि शेखर, अमित, रेणु, अनिता, रामजनम, मुकेश झँझरवाला, आशा, सरोज, रामबचन, सुनील मास्टर, श्याम सुंदर , शिवकुमार, सोनी, विद्या, सीमा, प्रेमा, आशीष
आदि मौजूद रहे।

रिपोर्ट- जगदीश शुक्ला

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