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लखनऊ/छत्तीसगढ़।अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर पीयूसीएल छत्तीसगढ़ द्वारा भिलाई के कर्मा भवन में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी के बाद सुपेला चौक भिलाई में नुक्कड़ सभा का आयोजन भी किया गया।
संगोष्ठी और नुक्कड़ सभा दोनों में " महाभ्रष्ट कॉरपोरेट अडानी के हित में हंसदेव जंगल की कटाई के खिलाफ,छत्तीसगढ़ में बस्तर,जशपुर सहित अन्य जिलों में धर्मांतरण का झूठा आरोप लगाकर ईसाई समुदाय पर तथा गौमांस तस्करी के झूठे आरोप में मुसलमान समुदाय पर हिंसक हमलों के खिलाफ,माओवाद दमन के नाम पर बस्तर क्षेत्र में सशस्त्र बलों द्वारा आदिवासियों की झूठे मुठभेड़ में हत्या/ हिरासत में हत्या तथा यौन अत्याचारों के खिलाफ,सुनीता पोटाम,सरजू टेकाम जैसे आदिवासी समुदाय के दमन के खिलाफ मुखर सामाजिक कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए,जेल में बंद निरपराध आदिवासी जनता की रिहाई के लिए,राज्य में जल जंगल जमीन की कॉरपोरेट लूट के खिलाफ,बहुसंख्यकवाद,नफ़रत और विभाजन के सौदागर फासीवादी RSS और उसके आनुषंगिक संगठनों के खिलाफ,गिरौदपुरी कांड व लोहारीडीह कांड में गिरफ्तार निर्दोष लोगों की रिहाई के पक्ष में,राज्य में मानव अधिकारों के बढ़ते हनन के खिलाफ तथा गाज़ा और लेबनान में अमरीका की सैन्य सरपरस्ती में आतंकी जियोनवादी इजरायल द्वारा किए जा रहे जनसंहार के खिलाफ" आवाज़ बुलंद किया गया।
सभा को पीयूसीएल और साथी संगठनों के पदाधिकारीगण - लखन सुबोध,तुहिन,नीरा डहरिया,चंद्रभान, एस एस गिल, आलोक विमल प्रेमानंद,बसंत साहू, आदिलक्मी,सोनू बेगम, पुष्पा, मोहतम भारती,सुरेंद्र मोहंती,दीपक साहू भूविस्थापित, जे पी नायर आदि साथियों ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में अध्यक्षता प्रसाद राव ने तथा संचालन कलादास ने किया।लक्ष्मीनारायण कुंभकार ने क्रांतिकारी जन गीतों को प्रस्तुत किया।