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वाराणसी। बुधवार को बीएचयू के स्वतंत्रता भवन सभागार में पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर जयन्ती की त्रिशताब्दी समारोह का आयोजन किया जाना सुनिश्चित है। यह जानकारी देते हुए लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह आयोजन समिति की सदस्य नीरजा माधव ने कहा कि भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में मातृ-शक्ति की भूमिका सदा से रेखांकित रही है। लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का संपूर्ण जीवन इस बात का साक्षी है कि एक सामान्य घर में जन्मी अहिल्याबाई का जीवन आगे चलकर न्याय प्रिय रानी, प्रजावत्सल शासिका, धार्मिक और सांस्कृतिक संरक्षिका के रूप में प्रेरणादायी बना। लोकमाता अहिल्याबाई ने अपना संपूर्ण जीवन मुगलों द्वारा विध्वंस किए गए मंदिरों के पुनः निर्माण, जीर्णोद्धार में आहूत कर दिया। आपने जन सामान्य के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। 
समारोह की मीडिया समन्वयक डॉ.कुमकुम पाठक ने बताया कि इन सभी तथ्यों को एक बार पुनः समाज और नई  पीढ़ियों को हस्तांतरित करने के लिए माता अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी समारोह का भव्य आयोजन बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में 11 दिसंबर 2024 को अपराह्न 3ः00 से किया जा रहा है। 11 दिसंबर को ही महारानी अहिल्याबाई होलकर का राज्याभिषेक हुआ था इसलिए काशी में इसी तिथि को इस समारोह का आयोजन सुनिश्चित हुआ है। इस समारोह में उनके जीवन से संबंधित प्रसंगों के चित्रों की प्रदर्शनी ,लघु नाटिका मंचन आदि के साथ-साथ  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री मुकुंद जी का पाथेय प्राप्त होगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी के वंशज उदय सिंह राजे होलकर जी और सेवानिवृत्त ले0जनरल डॉ. माधुरी कानिटकर जी होंगी। इसके साथ ही चेतना प्रवाह का अहिल्याबाई होलकर के सम्पूर्ण जीवन पर आधारित विशेषांक का विमोचन किया जाएगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो0 चंद्रकला पाडिया जी करेंगी। आयोजन समिति के सदस्य प्रो0 रामनारायण द्विवेदी ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर हमारी आदर्श हैं, उनके त्रिशताब्दी जन्मजयन्ती को पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। ये हम सभी का सौभाग्य है कि हम इस सुअवसर के साक्षी बनेंगे।

रिपोर्ट धनेश्वर सहनी

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