
मालवीय ब्रिज जिसका पुराना नाम डफरिन ब्रिज था 1887 मे बने इस पुल का नाम बाद मे बदलकर मालवीय ब्रिज रखा गया यह पुल ब्रिटिश सरकार कें समय मे अवध रोहिलखंड रेलवे द्वारा गंगा नदी मे तैयार किया गया पुल था उस समय कें अनुसार यह एक महत्वपूर्ण पुल इस लिये था
जो बिहार कलकत्ता कें रास्ते को सिधा जोड़ता था इस पुल पर 15 वर्ष पहले भारी वाहनो का आवागमन रोक दिया गया था क्योंकि पुल कमजोर हो गया था मगर आज कें बदलते हालत मे बढ़ते वाहनो की कतार ने फिर से इस पुल पर समस्या ख़डी कर दिया क्योंकि पुल की चौड़ाई कम होने से आये दिन पुल पर वाहनो की लम्बी कतार लग जा रही जिसको छुड़ाने मे स्थानीय पुलिस समेत यातायात पुलिस को नाको चना चबाना पड़ रहा है
क्षेत्र कें रहने वाले संजय सिंह निहाल अहमद मुन्ना पपू का कहना की अगर इस पुल पर जाम की समस्या को हल करना है तो
पहले बने नमो घाट की निकासी प्रवेश को नियंत्रित करे फिर पुल पर हो सके तो दिन मे कार आटो का वनबे करे तब जाकर समस्या का हल हो सकेगा ना की जाम छुड़ाने से मसला हल होगा क्योंकि सौ वर्ष इस पुराने पुल पर वाहनो की आवागमन का बहुत तेजी से इजाफा हुआ है