राम आएंगे तो अंगना सब सजाएंगे। रंगबिरंगी रंगोली बनाएंगे।*
* पर असली स्वागत तो तब होगा,*
*जब बरसो से बैरी बने भाई, आपस में फिर से गले लग हिलमिल जाएंगे।*
* राम के लिए दिए तो सब जलाएंगे,*
*पर जब तक मन में दिव्य भावो का प्रकाश न होगा, उजियारा नही कर पाएंगे।*
*राम आएंगे तो अंगना सब सजाएंगे। रंगबिरंगी रंगोली बनाएंगे।*
*राम आएंगे तो मंदिर सभी जाएंगे,*
*पर असली दर्शन तो तब होगा, जब बरसों से भूले, अपने घर वापस लौट के आएंगे।*
*राम आएंगे तो पकवान सब बनाएंगे,*
*पर असली प्रसाद तो तब मिलेगा, जब घर के सेवकों को भी प्यार से खिलाएंगे।*
- राजलक्ष्मी नन्दिनी जी
रिपोर्ट रोशनी