Shaurya News India
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वाराणसी। इस सत्र में पहली बार सावनी घटाओं ने जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई, सुबह से ठंडी पुरवैया संग पूरे दिन रिमझिम फुहारों ने वातावरण को मनभावन सावन बनाए रखा। सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक ग्रामीण क्षेत्रों में 22 तो शहरी क्षेत्र में 14 मिमी वर्षा हुई।इससे उमस भरी गर्मी से राहत मिली।

 

तेज हवाओं से गंगा में ऊंची लहरें उठने लगी थीं, लिहाजा नौकाओं का संचालन बंद रहा। बावजूद इसके क्रूज चले मगर तेज हवा की गति के आगे वे भी डगमग होते दिखे। इस बीच मौसम विभाग ने सोनभद्र से वाराणसी तक के क्षेत्र में तेज हवा, भारी वर्षा, वज्रपात की चेतावनी दी है तो नगर निगम ने सुरक्षा के उपायों की एडवायजरी जारी की है।

 


हालांकि स्थानीय मौसम विज्ञानी इस तरह का मौसम रविवार की दोपहर तक बने रहने की संभावना जताते हैं। उनका कहना है कि सोमवार के बाद फिर मंगलवार से इस तरह का वातावरण बन सकता है।

 


बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से उठा निम्न वायुदाब का क्षेत्र पूरे बिहार और आधे उत्तर प्रदेश में सक्रिय है। इसके चलते यह मानसूनी वर्षा हो रही है। रिमझिम फुहारों का यह वातावरण रविवार की दोपहर तक बना रह सकता है।

 


इसके बाद सोमवार को मौसम सामान्य रहेगा, मंगलवार से फिर दूसरे वायुदाब की सक्रियता इन सावनी फुहारों की निरंतरता बनाए रखेगी। चहुंओर छाए बादलों की घटा छाई हुई है। शुक्रवार से आरंभ रिमझिम फुहारों का यह क्रम शनिवार की सुबह से बना रहा।

 


रिमझिम फुहारों ने वातावरण को आनंदमय बना दिया। बीच-बीच में कभी-कभी तेज वर्षा भी हुई। लोगों ने फुहारों में भींगने का आनंद लिया। शुक्रवार की सुबह 8.30 बजे से शनिवार की सुबह 8.30 बजे तक शहर में जनपद के गांवों की अपेक्षा अच्छी वर्षा हुई।

 


इस दौरान शहरी क्षेत्र में 11 मिमी तो ग्रामीण क्षेत्र में महज तीन मिमी वर्षा हुई लेकिन सुबह 8.30 बजे से शाम पांच बजे तक ग्रामीण क्षेत्र में वर्षा, शहरी क्षेत्र की अपेक्षा आठ मिमी अधिक हुई।

 


20 घंटे में आधा मीटर बढ़ गया गंगा का जलस्तर
गंगा के जलस्तर में फिर तेजी से बढ़ाव आरंभ हो गया है। शाम चार बजे तक 20 घंटों में जलस्तर 49 सेमी यानी लगभग आधा मीटर बढ़ गया था। तीन सेमी प्रति घंटा वृद्धि को देखते हुए तटवासियों में फिर अफरा-तफरी का वातावरण है।

 


शुक्रवार की रात आठ बजे से शनिवार की सुबह आठ बजे तक जलस्तर में 25 सेमी की वृद्धि हुई और यह 63.95 मीटर पर पहुंच गया। शाम चार बजे तक जलस्तर 64.19 मीटर पर आ गया था। गंगा में लगातार गिरावट का क्रम शुक्रवार को थम गया था।

 


पूरे दिन भर में महज एक सेमी की कमी दर्ज की गई थी। रात आठ बजे 12 घंटे बाद गंगा का जलस्तर सुबह आठ बजे के बाद से एक सेमी घटकर 63.70 मीटर पर पहुंचा था। रात में इसमें फिर तेजी से वृद्धि आरंभ हो गई है।

 


माना जा रहा है कि कानपुर बैराज से छोड़ा गया पानी अब यहां तक पहुंचने लगा है। पानी के बढ़ने से घाटों के बीच संपर्क भंग हो चुका है।

 

इससे घाटवाक करने वालों के साथ ही स्नानार्थियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तेज लहरों के बहाव के चलते डूबने, बहने का खतरा बढ़ गया है।साभार

 

 

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