वाराणसी। गंगा में उफान और वरुणा नदी में पलट प्रवाह जारी है। दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस के भवन का आधा से ज्यादा हिस्सा डूब गया है। वहीं, वरुणा कॉरिडोर भी नदी में समा चुका है।उधर, वरुणा नदी में पानी के दबाव को देखते हुए सरैया के पुराना पुल पर बने बंधु के सात फाटक खोल दिए गए हैं। इससे कॉलोनियों के घरों और खेतों में बाढ़ और सीवर का पानी भरने लगा है।
बुधवार को गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से सिर्फ 1.26 मीटर नीचे यानी 69.01 मीटर पर आ गया। प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की गति से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। जलस्तर में बढ़ोतरी की यही गति रही तो दो दिन बाद गंगा का पानी गलियों में प्रवेश कर जाएगा। दूसरी ओर शाम तक नदी के तटवर्ती इलाकों में भी बाढ़ का पानी भर जाने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
विस्थापित होने को मजबूर लोग
वरुणा किनारे पुलकोहना, सरैया, कोनिया, नक्खी घाट, विजयईपुरा, शैलपुत्री, तालीमनगर जैसे निचले इलाकों में पानी गलियों और घरों की ओर पहुंच गया है। लोग फिर से विस्थापन होने को मजबूर हो गए हैं। तटवर्ती इलाकों में रहने वालों के घरों के पास जलभराव शुरू हो चुका है और कई जगहों पर सीवर का गंदा पानी भर गया है।
मौसमी सब्जियों पर आफत बना पलट प्रवाह
नक्खीघाट, दनियालपुर, पुलकोहना, अमरपुर मढ़िया, विजईपुरा और कोनिया इलाके में नदी के किनारे मौसमी सब्जियों के खेतों में पानी भर गया है। कोनिया में नदी किनारे खेती करने वाले सुरेश राजभर, अजय राजभर, वाल्मीकि, बसंत और सोमारू ने बताया कि यदि बाढ़ का पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो आने वाले कुछ दिनों में उनकी खेती पूरी तरह से डूब जाएगी।