वाराणसी। नौकरी दिलाने का झांसा देकर दलित महिला से दुष्कर्म करने और उसका पैसा हड़पने के मामले में आरोपित को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) देवकांत शुक्ला की अदालत ने मनोज कुमार सिंह उर्फ दिनेश को आरोप सिद्ध न होने पर संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने पक्ष रखा।
⚡️अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता ने सिगरा थाने में 29 जनवरी 2017 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसकी मुलाकात एक वर्ष पहले दिनेश कुमार से बनारस स्टेशन पर हुई थी। इस दौरान उसने खुद को आरपीएफ में दरोगा बताया और बोला कि वह उसकी नौकरी रेलवे में लगवा देगा। जिसके एवज में सात लाख रुपए देने होंगे। उसके झांसे में आकर पीड़िता ने थोड़ा-थोड़ा करके करीब डेढ़ लाख रुपए आरोपित दिनेश कुमार को दिए। इस बीच 27 जनवरी 2017 को आरोपित ने उसे ज्वाइनिंग लेटर देने और किसी सांसदी मिलने के लिए बनारस रेलवे स्टेशन के सामने स्थित एक होटल में बुलाया। जहां उसके कपड़े फाड़कर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया और किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में अदालत में अभियोजन की ओर से कुल 9 गवाह पेश किए गए। अदालत ने गवाहों के बयान व साक्ष्यों के अवलोकन के बाद आरोप सिद्ध न होने पर आरोपित को दोषमुक्त कर दिया।