Shaurya News India
इस खबर को शेयर करें:

 

सच कहूँ तो स्नान का कोई ख़्याल मन में नहीं था..प्रयागराज से अलविदा होना था अगले दिन सुबह फ़्लाइट थी.. लेकिन न जाने कहाँ से माँ ने @Shwetaraiii को उसी शाम प्रयागराज पहुंचा दिया… मिलते ही बोलीं गंगा में डुबकी लगाई आपने? मैंने कहा वक़्त ही नहीं मिला.. शो ख़त्म होते होते वैसे भी सूर्यास्त हो जाएगा और सुबह फ़्लाइट भी है तो तपाक से बोलीं गंगा मैय्या आपसे ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान करवाएँगी… मैं आपको 3 बजे भोर लेने आ जाऊँगी.. मैंने हँसकर कहा देखते हैं… वादे के मुताबिक़ वो मुझे 3 बजे लेने आ ही गई। 

अद्भुत माहौल था… आकाश में लालीमा थी.. सूर्य के आने की आहट महसूस हो रही थी.. श्वेता से पूछा करना क्या है… हँसते हुए बोलीं आप बस पावन मन से डूबकी लगाइए.. जैसी आपकी इच्छा हो… हमारे यहाँ कोई भी नेक काम करने से पहले बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम कहते हैं… मैंने बिस्मिल्लाह पढ़ा और माँ गंगा की गोद में जा बैठी… सुकून किसे कहते हैं उन कुछ पलों में ही जी लिया.. माँ जैसे झुलाती है वैसे ही गंगा-जमुना सरस्वती की लहरें झुला रहीं थीं…

इस खबर को शेयर करें: