पानी हुसैन का है दाना हुसैन का है हम खा रहे हैं जो भी सदका हुसैन का है
चंदौली सैयद राजा ।नगर पंचायत के मोहल्ला बड़ा चौक में इंदिरा नगर में स्थित शुक्रवार की रात्रि में जिक्र सो दाऐ करबला जलसे का आयोजन किया गया।
जिसमें हिंदुस्तान के मशहूर मौलाना और नातिया कलाम पढ़ने वालों ने भाग लिया जलसे में बिहार के पूर्णिया से आए मुफ्ती शहर यार खान ने अपनी तकरीर में कहा कि मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन ने इस्लाम बचाने के लिए कर्बला के मैदान में सच और हक के लिए 72 साथियों जिसमें 6 मा ह के बच्चे से लेकर दूल्हा दुल्हन शामिल थे कर दिया
यजीदियों ने कर्बला के मैदान में जुल्म की इंतहा कर दी हुसैन ने सारे कुनबा को लू टा कर इस्लाम बचा लिया। जो खुदा की राह में मारे गए वह जिंदा है जलसे में हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने मौलाना की तकरीर से खुश होकर या हुसैन अल्लाह अकबर के नारों से मजमा झूम उठा।
जलसे में कलाम पेश करते हुए रहमतुल्ला राइन ने कहा कि पानी हुसैन का है दाना हुसैन का है हम खा रहे हैं जो भी सदका हुसैन का है। बिहार से आए अख्तर परवेज हबीबी ने कलाम पेश करते हुए कहा कि बंदगी है फकत खुद के लिए और गुलामी है मुस्तफा के लिए सर झुके तो झुके खुदा के लिए दिल झुके शाहे दो सरा के लिए जान दे दूंगा दिल ना दूंगा तुझे दिल तो रखा है
मुस्तफा के लिए इस कलाम से खुश होकर जलसे में मौजूद श्रोता झूम उठे। दोबारा कलाम पढ़ने के लिए कहा गया उन्होंने पुनः कलाम पेश करते हुए कहा कि नजर नजर हुसैन है जिगर जिगर हुसैन है जिधर नजर उठाईऐ उधर उधर हुसैन है। ना पूछिए कहां-कहां किधर-किधर हुसैन है। सबा पुकारती चली डगर डगर हुसैन है
जिक्र सामें कर्बला जिधर नजर उठाईऐ उधर उधर हुसैन है। जलसे में हजारों की संख्या में मौजूद श्रोताओं ने हुसैन के नारे लगाकर झूम उठे आजमगढ़ से आए एहसान शाकिर ने कलाम पेश करते हुए कहा कि काश गुंबदे खजरा देखने को मिल जाता मेरा दम निकल जाता उनके आस्ताने पर उनके आस्ताने की खाक में मैं मिल जाता।
मौत लेकर आ जाती जिंदगी मदीने में चंदौली से आए तौकीर राजा ने कलाम पेश करते हुए कहा कि उठा दो पर्दा दिखा दो चेहरा की नूरे बारी हिजाब में है जलसे में इनके अलावा भी क्षेत्र के कई नातिया कलाम पढ़ने वालों ने कलाम पढ़ा जलसे में हजारों की संख्या में श्रोता मौजूद थे।
जो जलसे का प्रोग्राम पूरी रात चला जलसे का सदारत मौलाना अहमद मिस्बाही ने किया जिसमें कारी शमशाद खान मौलाना फिदा उल मुस्तफा, मौलाना अहमद मिस्बाही कारी साजिद सिद्दीकी कमेटी के लोगों में पूर्व सभासद सगीर अहमद सिद्दीकी, शाह आलम उर्फ बबलू, राजू सिद्दीकी,शेख हमीद हाजी हन्नान हाजी निठालु राइन, अफरोज हाशमी,लियाकत हाशमी गुलजार वारसी सिकंदर उर्फ लड्डू आदि लोग मौजूद थे।
रिपोर्ट अलीम हाशमी