Shaurya News India
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11 सितम्बर को डॉ0 अनिल कुमार पाण्डेय(आई0पी0एस0), सेनानायक के दिशा-निर्देशन व अध्यक्षता में सैनिक सम्मेलन/जोनल गोष्ठी का आयोजन वाहिनी रविंद्रालय पर किया गया.

इस अवसर पर प्रमोद कुमार यादव -DC एंटी नक्सल ,राजेश कुमार -सहायक सेनानायक, नरेश सिंह यादव-AC नक्सल ,डॉ अबरार अहमद - चिकित्साधिकारी, वाहिनी चिकित्सालय  अम्बुज मिश्रा - मुख्य प्रबंधक,एसबीआई रामनगर , सुधांशु श्रीवास्तव- रीजनल मैनेजर एसबीआई, वाराणसी जोन 


 कैलाश नाथ यादव -शिविरपाल , भगवान सिंह यादव— सूबेदार मेजर सहित वाहिनी के समस्त अधिकारी / कर्मचारीगण, समस्त दलों के दलनायक, पोस्ट प्रभारी, जोनल के समस्त पोस्ट प्रभारी उपस्थित रहे.

 

 सेनानायक महोदय द्वारा व्यक्तिगत तौर पर सभी अधिकारी /कर्मचारीगण/जोनल पोस्ट प्रभारीगण से व्यक्तिगत तथा सामूहिक समस्या पूछी गई सभी ने कुशलता प्रकट किए.


 महोदय द्वारा समस्त दलनायक एवं पोस्ट प्रभारी से अपने-अपने कंपनी एवं प्लाटून के संबंध में पूछा गया एवं पोस्ट पर उपस्थित जवानों की समस्या के बारे में जानकारी ली गई सभी ने कुशलता प्रकट किए. 
 इस सम्मेलन में सर्वप्रथम कुछ दिन पूर्व सड़क दुर्घटना में  वाहिनी में कार्यरत मुख्य आरक्षी पतिराज भारती का देहांत हो गया था.


 मुख्य प्रबंधक एसबीआई एवं सेनानायक द्वारा उनकी धर्मपत्नी  शांति देवी को 75 लाख का चेक प्रदान किया गया.
एवं 2मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की गई..

 इस अवसर पर  सेनानायक एवं उनकी धर्मपत्नी  नीलम पाण्डेय द्वारा मुख्य आरक्षी को याद कर उनके परिवार को सांत्वना दी गई एवं उनके साथ हमेशा खड़े रहने हेतु भरोसा दिलाया गया.


 अपने संबोधन में सेनानायक महोदय द्वारा सूबेदार मेजर के कार्यों की प्रशंसा की गई. वाहिनी में हुए चौतरफा विकास की चर्चा की गई.
एवं आगे किए जाने वाले कार्यों के कार्य योजना के संबंध में बताया गया..


 संबोधन के क्रम में महोदय द्वारा साइबर फ्रॉड से बचने की सलाह दी गई. किसी भी साइबर से संबंधित स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क स्थापित करने  हेतु निर्देशित किया गया. महोदय द्वारा मां गिरिजा मंदिर के चौतरफा विकास कार्यों को लेकर भी चर्चा की गई.


 इस अवसर पर महोदय द्वारा HCP दूधनाथ सिंह - प्रशंसा चिन्ह रजत 
CDR कैलाशपाति त्रिपाठी - सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह 
CDR राजकुमार सिंह - उत्कृष्ट सेवा पदक देकर सम्मानित किया गया.
 महोदय द्वारा वाहिनी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को सम्मान दिया गया. महोदय द्वारा बताया गया कि चतुर्थ वर्गीय कर्मी (स्वीपर, कुक )पर्दे के पीछे में रहकर अपने कार्यों का संपादन करते हैं

लेकिन इनका महत्व वाहिनी में सबसे ज्यादा है. इनके बिना कोई भी कार्य सफल नहीं होगा.


 संबोधन के क्रम में महोदय द्वारा वाहिनी में चल रहे निर्माण कार्यों G+11,G+5, बहुउद्देशीय हॉल, बैरक निर्माण आदि के संबंध में चर्चा की गई.


 वाहिनी का सर्वांगीण विकास हुआ है.
 वाहिनी काफी स्वच्छ व साफ- सुथरी है.

आगे महोदय द्वारा अपने संबोधन में वाहिनी में लगाए गए हजारों की संख्या में पौधारोपण को लेकर चर्चा की गई. मियावाकी तकनीक से लगाए गए पौधे आज घने जंगल का रूप ले चुका है. जिससे वाहिनी को बिल्कुल शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त हो रहा है. वाहिनी का चौतरफा विकास हुआ है वाहिनी में काफी मेंटेनेंस हो गई है. जिससे लगातार प्रदेश स्तर के उच्च अधिकारियों द्वारा भी वाहिनी की तारीफ की जा रही है. 

 आगे महोदय द्वारा अपने संबोधन में वाहिनी में वातानुकूलित लाइब्रेरी के सकुशल संचालन को लेकर चर्चाएं की गई. महोदय के नेतृत्व में वाहिनी में हजारों की संख्या में पेड़ -पौधे लगाए गए हैं. वाहिनी के पूर्वी हिस्से में खाली पड़े जमीन पर मियावाकी तकनीक से एक बहुत घना वन लगाया गया है. प्रचंड गर्मी में भी  वाहिनी का तापमान बाहर के तापमान से सदैव तीन से चार डिग्री सेंटीग्रेड कम रह रहा है.


 महोदय द्वारा जोनल से आए समस्त पोस्ट प्रभारीगण से समस्या पूछी गई सभी ने कुशलता प्रकट किए. बरसात के मौसम में खास करके सोनभद्र जैसे इलाकों में जहरीले जीवों से बचने की सलाह दी गई. रात में बिना टॉर्च के न निकलने हेतु हिदायत दी गई एवं नदी नाले में न उतरने को लेकर सख्त पाबंदी की गई.

महोदय द्वारा जीवन को मौज,आनंद और उल्लास का पर्यायवाची बताया गया. कर्मियों से जीवन को बड़े सरलता एवं मधुरता के साथ जीने हेतु प्रेरित किया गया. महोदय द्वारा  स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन बताया गया. शरीर का ख्याल रखोगे तो शरीर आपका ख्याल रखेगा.

 इस अवसर पर वाहिनी चिकित्साधिकारी द्वारा भी कर्मियों को संबोधित किया गया. आए दिनों बरसात के मौसम में विभिन्न प्रकार के रोग फैलने की संभावना ज्यादा रहती है

उसके बचाव व डेंगू से बचाव के संबंध में विस्तृत से जानकारियां दी गई.  राजेश कुमार - सहायक सेनानायक द्वारा भी कर्मियों को संबोधित किया गया. सतर्कता के साथ ड्यूटी संपादन एवं कंपनी व्यवस्थापन स्थल पर भी लगातार शास्त्राभ्यास करने हेतु निर्देशित किया गया

 

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