वाराणसीः श्री राम नवमी के अवसर पर आंध्रा आश्रम की ओर से आयोजित द्वादश दिवसीय पट्टाभिषेकम उत्सव निरंतर दिव्यता का वैभव प्राप्त कर रहा है मानसरोवर स्थित आंध्र आश्रम की यज्ञशाला में शुक्रवार को दिव्या मंत्रो से देव ऋषियों का मंत्रअभिषेक कर उनका वंदन किया गया.
दूसरी तरफ उत्सव के अनुष्ठानिक विधानों के क्रम में देश के विभिन्न प्रांतो से आए विद्वानों व विदुषियों ने वाल्मीकि रामायण के अरण्यकांड में अंकित ढाई हजार मंत्र श्लोक के परायण को पूर्णता प्रदान की इस महानुस्थान के मुख्य आचार्य उलीमिरि सोमयाजुलु ने बताया कि रामायण के तीसरे कांड में सनातन धर्म के प्राण पुरुष देव ऋषियों से प्रभु राम के मिलन संवाद एवम विमर्श के प्रसंग समाहित है अध्याय पूर्ण रूप से अध्यात्मिक दर्शन को समर्पित है.
आश्रम के प्रबंध न्यासी वी वी सुंदर शास्त्री ने जानकारी दी की आश्रम की प्राचीन परंपरा के अनुरूप रामनवमी पर्व को आश्रम के रामायतन में प्रभु श्री राम कल्याणम उत्सव दक्षिण भारतीय लोकाचार्यों के बीच संपन्न होगा.