वाराणसीः "संघ के स्वयं सेवक जब देश की आवश्यकता होती है तो अपने प्राणों की परवाह किए बगैर अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए तत्पर हो जाते हैं क्योंकि संघ की शाखाओं में कबड्डी के खेल में मरना और जीना सीख जाते है।इस खेल में बिना छोटा बड़ा और ऊंच - नीच का भेद किए एक दूसरे के पैर भी पकड़ना पड़ता है जो कि समरसता को मजबूत करता है " यह उद्दगार काशी विभाग के सह संघ चालक त्रिलोक जी ने आज काशी दक्षिण भाग के मानस नगर अंतर्गत शंकुलधारा शाखा के वार्षिकोत्सव समारोह में व्यक्त किया।
इस अवसर पर पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र कार्यवाह श्री वीरेन्द्र जायसवाल जी,कामाख्या नगर के संघ चालक विजय जी,विश्व संवाद केंद्र के सचिव प्रदीप कुमार चौरसिया,मानस नगर और काशी दक्षिण भाग के सभी प्रमुख दायित्वधारी सहित सैकड़ों स्वयं सेवक आसपास के नागरिक,माताएं और बच्चे उपस्थित थे।
वार्षिकोत्सव में योग,व्यायाम,खेल,सुभाषित,अमृत वचन आदि का प्रदर्शन स्वयं सेवकों ने किया।मुख्य शिक्षक अनूप जी,शाखा कार्यवाह राजनरायन जी,बौद्धिक प्रमुख मनोज जी के अतिरिक्त वीरेंद्र जी,आनंद जी ,कुणाल जी,राकेश जी आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।