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सेमरा,शहाबगंज,चन्दौली: परोपकार के सदृश इस संसार में कोई दूसरा धर्म नहीं है। अपने अस्तित्व को संसार हित में बलिदान कर देने से जिस महान धर्मफल की प्राप्ति होती है, उसकी तुलना अन्य धार्मिक कर्मकांडों से नहीं की जा सकती। प्रसिद्ध सन्त मोओतजे कहा करते थे कि "यदि मेरे शरीर को पीसकर चूर्ण बना लेने में संसार के एक भी प्राणी का भला हो सकता है तो मैं उसके लिये सहर्ष तैयार हूँ ।"ये विचार व्यक्त किया मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष श्री सत्यानंद रस्तोगी ने।मौका था मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आर.के नेत्रालय महमूरगंज वाराणसी द्वारा लगातार प्रत्येक शनिवार को आयोजित होने वाले निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर के आयोजन का।शिविर को संशोधित करते हुए पं.रामबोला तिवारी ने कहा कि हमारे लिए गरीबों के आशीर्वाद से बढ़कर कुछ भी नहीं है। शिविर का संचालन सुबाष विश्वकर्मा ने और आभार सुमंत कुमार मौर्य ने किया।शिविर में आज 353 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराया।इसके पहले महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।शिविर में भोजपुरी के जाने माने कवि श्री राजेश विश्वकर्मा 'राजू'ने अपनी कविताओं से समां बांधा तो वहीं उभरते हुए बिरहा सम्राट चन्दन यादव ने अपनी गीतों से लोगों को झूमने पर विवश कर दिया।कार्यक्रम में प्रमुख रुप से श्री कृष्णा दुबे,डा.मनोज,
डा.अजय,राजेश सिंह, अलख सिंह, पवन, सावन, गब्बर विश्वकर्मा, तसलीम ,आयुष ,मोछू भैया,रामनिवास प्रधान,अमरनाथ,शशिभूषण तिवारी,राकेश सिंह,अजय,संजय पाल,नीलू सिंह,सुनील चौहान इत्यादि लोग उपस्थित रहे।