
योगी सरकार 2.0 का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होगा। विधानसभा चुनाव 2027 के मद्देनजर कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल किए जाएंगे। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वहीं, कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी होगी।
वहीं, विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा ने 98 में से 70 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्षों के नाम तय कर लिए हैं। सूत्रों के मुताबिक 70 जिलाध्यक्षों की सूची शुक्रवार को केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई है। शनिवार तक केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद सूची जारी की जाएगी।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने शुक्रवार को लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के साथ मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन को लेकर चर्चा की।
मंत्रिमंडल में 6 पद खाली
उत्तर प्रदेश सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मंत्रिमंडल में 21 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 19 राज्यमंत्री हैं, यानी कुल 54 मंत्री हैं। इस हिसाब से 6 मंत्री पद अभी भी खाली हैं। ऐसे में योगी सरकार अगर अपने कैबिनेट से किसी भी मंत्री को नहीं हटाती है तो भी 6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं।
इन पदों पर आगामी चुनावों के मद्देनजर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखते हुए मंत्री नियुक्त किए जाने हैं। तावड़े ने सभी नेताओं से अलग-अलग बातचीत में यूपी में 2027 की तैयारी के मद्देनजर भी बात की। किन समाजों को मंत्रिमंडल में जगह देने से फायदा होगा? इस पर विचार किया गया।
भूपेंद्र चौधरी सहित अन्य चेहरे होंगे शामिल
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा फरवरी के अंतिम हफ्ते में हो जाएगी। जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के प्रभारी पीयूष गोयल लखनऊ आएंगे। गोयल की मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन होगा। नामांकन के अगले दिन नए अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी।
उसके बाद होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। दलित और पिछड़े वर्ग को साधने के लिए दोनों वर्ग से भी एक-एक मंत्री बनाए जाएंगे।
निगम, आयोग और बोर्ड में नियुक्तियां जल्द
विनोद तावड़े ने सीएम और दोनों डिप्टी सीएम के साथ प्रदेश सरकार के निगम, आयोग और बोर्ड में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति पर भी बात की। तावड़े ने कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने के लिए उनके सरकार में समायोजन पर बल दिया। उन्होंने एक महीने में सभी निगम, आयोग और बोर्ड में नियुक्तियां करने, मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति पूरी करने को कहा।
अग्रिम मोर्चों के साथ भी मंथन
विनोद तावड़े ने भाजपा के अग्रिम मोर्चों के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ भी बात की। महिला मोर्चा की प्रदेश पदाधिकारियों के साथ महिलाओं की संगठन में भागीदारी बढ़ाने पर बात की। वहीं, एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया से दलित वर्ग के प्रतिनिधित्व पर चर्चा की।
नाराज है केंद्रीय नेतृत्व
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, यूपी में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति अब तक नहीं होने से केंद्रीय नेतृत्व नाराज है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह दिल्ली में सूची पर चर्चा करके लौटे हैं।
लेकिन करीब एक दर्जन से अधिक जिलों में चुनाव स्थगित होने से भी केंद्रीय नेतृत्व खुश नहीं है। इसलिए विनोद तावड़े को लखनऊ भेजा गया है। तावड़े ने सभी जिलों में जिलाध्यक्ष एक साथ नियुक्त करने पर चर्चा भी की है।