मिला कैंसर सब्सटेंस एथिलीन ऑक्साइड
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भारतीय रसोई में मसालों की खास जगह है। कोई भी खाना हो, वेज या नॉन वेज, चुटकी भर मसाला उसके स्वाद में चार चांद लगा देता है। आयुर्वेद में इसके औषधीय उपयोग भी बताए गए हैं। इन मसालों से सामान्य सर्दी, बुखार, सूजन और पाचन तंत्र की समस्याओं का इलाज आज भी किया जाता है।
मसाले सिर्फ हिंदुस्तानी रसोई की ही जान नहीं हैं, पूरी दुनिया में हमारी पहचान भी हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसालों का प्रोड्यूसर, कंज्यूमर और एक्सपोर्टर है। लेकिन हाल में हुए एक खुलासे के बाद कुछ खास ब्रांड के मसालों के एक्सपोर्ट में कमी आ सकती है। भारत के दो दिग्गज मसाला ब्रांड MDH और एवरेस्ट मसाले की क्वालिटी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। हॉन्गकॉन्ग ने इन दोनों ब्रांड्स के कई प्रोडक्ट्स पर रोक लगा दी है। इससे पहले सिंगापुर भी इन पर बैन लगा चुका है।
जांच में इन मसालों में काफी अधिक मात्रा में एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है, जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा हो सकता है।
FSSAI करेगा भारतीय मसालों की जांच
हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर के बैन के बाद भारतीय मसाला बोर्ड भी हरकत में आ गया है और इस मामले पर जांच की बात कही है। जबकि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने देश भर के सभी ब्रांड्स के मसालों का सैंपल लेना शुरू कर दिया है। FSSAI नए सिरे से इनकी क्वालिटी की जांच करेगा।
बिना सिगरेट पिए कैंसर की तरफ बढ़ रहे लोग
डॉ. अनु अग्रवाल कहती हैं कि ऐसी बहुत सारी चीजें हैं, जिनके स्टेरेलाइजेशन के लिए एथिलीन ऑक्साइड का इस्तेमाल हो रहा है। जबकि कंपनियां इस जानकारी को रैपर या पैकेट पर नहीं लिखती हैं। इसलिए लोगों को इस बात का इलहाम ही नहीं है कि वे बिना सिगरेट या शराब पिए भी धीरे-धीरे कैंसर की तरफ बढ़ रहे हैं।