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वाराणसीः नगर निगम की ओर से पूर्व काशी नरेश स्वर्गीय विभूति नाराय़ण सिंह की प्रतिमा लगवाई जाएगी। इससे काशीराज परिवार के साथ ही काशीवासियों में भी उत्साह है। पूर्व काशीराज की पुत्री कृष्ण प्रिया ने नगर निगम की पहल को सराहा। बोलीं, काशी के गौरव को सम्मान दिया।उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम को कारिडोर नाम देने पर भी आपत्ति जताई। 

डा. विभूति नारायण सिंह को काशी की जनता साक्षात महादेव का स्वरूप मानती थी। उनके अभिवादन में हर हर महादेव का उद्घोष होता था। काशी नरेश स्वर्गीय विभूति नारायण सिंह जीवन भर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहे। उसके साथ काशी विश्वनाथ परिषद के अध्यक्ष भी रहे। 

इस प्रयास के लिए बनारस राजघराने की सदस्य व पूर्व काशी नरेश की पुत्री कृष्ण प्रिया ने धन्यवाद दिया। कहा कि किसी ने सोचा तो, वास्तव में काशी के गौरव को सम्मान दिया।उन्होंने कहा कि सरकार से यह भी कहना चाहूंगी कि जहां लोगों से उनकी मुलाकात होती थी वहां पर, यानी हाथी पर बैठे हुए मूर्ति मैदागिन चौराहे पर लगाई जाए। वहां बहुत बड़ी जगह है। हम बहुत दिन से वहां पर चाहते थे उनकी मूर्ति लगे।

 काशी विश्वनाथ धाम को कारिडोर नाम देने पर जताई आपत्ति उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर मनोरंजन का साधन नहीं है, वह तोआध्यात्मिक स्थान है उसका कॉरिडोर नाम देना सरासर गलत है। मर्यादा के विरुद्ध है। काशी विश्वनाथ मंदिर आध्यात्मिकता का केंद्र है। उसे आध्यात्मिक ही रहने दें.

रिपोर्ट- रिम्मी कौर

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