- सिर्फ सामान्य आरोपों के आधार पर आपराधिक मुकदमा नहीं चलेगा।
- पति, सास और पांच ननदों के खिलाफ दर्ज 498A, 406 IPC केस को कोर्ट ने रद्द किया।
- सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी "क्रूरता के गंभीर आरोपों के बावजूद कोई मेडिकल रिपोर्ट, गवाह का बयान या ठोस सबूत पेश नहीं किए गए।"
- कोर्ट ने कहा "महज सर्वव्यापी आरोपों के आधार पर दूर के रिश्तेदारों को फंसाना दुरुपयोग है।"
- कोर्ट की सख्त टिप्पणी "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक पुलिस अधिकारी होते हुए शिकायतकर्ता ने आपराधिक तंत्र का इस तरह दुरुपयोग किया। वृद्ध सास-ससुर व रिश्तेदारों को झूठे आरोपों में खड़ा करना निंदनीय।"
- केस लॉ के हवाले से साफ संदेश। प्रक्रिया के दुरुपयोग से बचें, अंधाधुंध अभियोजन नहीं चलेगा।
- 498A के बढ़ते दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर सख्त रुख दिखाया