Shaurya News India
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वाराणसीः बसपा, भाजपा और सपा का राजनीतिक सफर तय कर चुके पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य अब खुद की पार्टी के जरिये स्वतंत्र वजूद स्थापित करना चाहते हैं। वे सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद की तर्ज पर आगे बढ़ते हुए दिख रहे हैं। ताकि, भविष्य में अपना दल भी हो, विधायक भी हों और सत्ता में भागीदारी के लिए अपनी बात मनवाने की क्षमता भी हो। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 22 फरवरी को होने वाले सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य अपने इसी तरह के इरादों को सामने रखते हुए मिलेंगे।


सपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अभी तक किसी न किसी बड़े राजनीतिक दल के हिस्सा रहे हैं। बसपा सरकार और संगठन में महत्वपूर्ण स्थिति में रहे तो भाजपा सरकार में भी उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद मिला। उनकी बेटी संघामित्रा मौर्य भी भाजपा के टिकट पर पिछला लोकसभा चुनाव जीतीं। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले वह कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देकर सपा में आ गए। खुद विधानसभा चुनाव तो हार गए, पर सपा ने उन्हें विधान परिषद में भेजने के साथ-साथ राष्ट्रीय महासचिव के पद से भी नवाजा। इन दलों में वह महत्वपूर्ण स्थिति में तो रहे, पर अब स्वामी प्रसाद ऐसे दल को खड़ा करना चाहते हैं, जिसके वह सर्वेसर्वा हों। 


अपने इस उद्देश्य में वह कितना सफल होंगे, यह तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन गुरुवार को दिल्ली में राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (आरएसएसपी) का प्रतिनिधि सम्मेलन इसी उद्देश्य की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इसमें स्वामी प्रसाद मौर्य मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। सम्मेलन में भाग लेने के लिए यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात से भी लोगों को बुलाया गया है। आरएसएसपी की स्थापना वर्ष 2013 में हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, आगे इस पार्टी में स्वामी प्रसाद मुख्य भूमिका में होंगे।

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