वाराणसीः काशी के विशिष्ट साधक और काशीवासियों के लिए भगवान विश्वनाथ का साक्षात स्वरूप माने जाने वाले 108 वर्ष के स्वामी शिवानंद भारती का रविवार को तिरोधान हो गया। वह ऐसे साधक थे जो लगभग सौ वर्षों से अनवरत भगवान विश्वनाथ की उपासना, साधना कर रहे थे। बात यह है कि आज जब संत महात्मा और हर कोई सोशल मीडिया के युग में पब्लिक फ्रेंडली हो चुका है, तो वही भारती जी महाराज किसी से भी नहीं मिलते थे। किसी से कोई दक्षिणा आदि ग्रहण नहीं करते थे। इतना ही नहीं अपने इस पंचतत्व शरीर को भी उन्होंने समाज से विरक्त होकर 20 वर्ष की उम्र में संन्यास धर्म स्वीकार कर लिया था।
उन्होंने पत्नी को त्याग कर दिया। घोर कठिन तपस्या भगवान विश्वनाथ के सानिध्य में प्रात: ढाई बजे से सायंकाल छह बजे तक अनवरत करते थे। गर्भगृह में बैठकर भगवान विश्वनाथ का अभिषेक करते थे। यह क्रम उनका लगभग आठ दशकों तक चला आ रहा था।
भगवान विश्वनाथ का साक्षात स्वरूप माने जाने वाले स्वामी शिवानंद भारती का रविवार को तिरोधान होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दुखद व्यक्त किया।